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आदत से मजबूर - दादा दादी की कहानी

10:00 AM Oct 05, 2023 IST | Reena Yadav
आदत से मजबूर   दादा दादी की कहानी
aadat se majaboor, dada dadi ki kahani
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Dada dadi ki kahani : एक घोड़ा घास चर रहा था। तभी उसने देखा कि एक लोमड़ी उसकी ओर आ रही थी। वह लोमड़ी का स्वभाव जानता था। वह जानता था कि लोमड़ी बहुत चालाक है। इधर लोमड़ी भी यह बात जानती थी कि घोड़े बहुत ताक़तवर होते हैं। इसलिए वह भी घोड़े को बातों में उलझाने का तरीका सोच रही थी।

घोड़ा लोमड़ी को देखकर लँगड़ा-लँगड़ाकर चलने लगा। लोमड़ी ने पूछा कि उसे क्या हुआ है? तब घोड़े ने कहा, 'ऐसा लगता है कि मेरे पैर में काँटा चुभ गया है। इसीलिए बहुत दर्द हो रहा है और चलने में मुश्किल भी हो रही है।'

लोमड़ी ने कहा, 'मैंने एक डॉक्टर से इलाज करना सीखा है। तुम्हें काफ़ी तकलीफ़ हो रही होगी। लाओ मुझे दिखाओ अपना पैर।'

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ऐसा कहकर लोमड़ी चालाकी से घोड़े को पैर से पकड़ने के लिए झुकी। उसने सोचा कि अगर उसने घोड़े को एक बार गिरा दिया तो फिर उस पर काबू पाना आसान हो जाएगा।

लेकिन घोड़ा उससे ज़्यादा समझदार था। जैसे ही लोमड़ी ने उसका पैर पकड़ना चाहा, घोड़े ने उसे एक ज़ोरदार लात मारी। लोमड़ी हवा में उड़कर दूर जा गिरी। अब घोड़े की जगह बेचारी लोमड़ी लँगड़ा रही थी और सोच रही थी-मेरी आदत है चालाकी करना और घोड़े की आदत है लात मारना। दोनों अपनी-अपनी आदत से मजबूर हैं।

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ऐसी आदतें जो कठिन समय में काम आ जाएँ क्या बुरी हैं? क्यों भाई मानते हो या नहीं?

लेकिन ऐसी आदतें जो दूसरों को तकलीफ़ पहुँचाएँ .... कभी मत सीखना!

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