एडिटिव शुगर से जुड़े ये 7 मिथ, जिस पर शायद आप भी करते होंगे यकीन: Addictive Sugar Myth
Addictive Sugar Myth: एडिटिव शुगर एक प्रकार का शक्कर होता है जो खाद्य उत्पादों में उपयोग किया जाता है। यह शुगर में मिलावट को कम करने के लिए और खाद्य उत्पादों की स्वादिष्टता को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।
इसके अलावा, यह खाद्य उत्पादों को लंबे समय तक ताजगी और मधुरता बनाए रखने में भी मदद करता है। एडिटिव शुगर कुछ विशिष्ट रंगों और खुशबुओं के साथ भी उपलब्ध होता है जो उत्पादों के स्वाद में विविधता लाते हैं। हालांकि, यह शुगर ज्यादातर उच्च कैलोरी, उच्च कार्बोहाइड्रेट और कम पोषण वैल्यू वाला होता है, इसलिए इसका अधिक सेवन स्वस्थ्य के लिए अनुशंसित नहीं होता है।
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एडिटिव शुगर के फायदे
एडिटिव शुगर की कैलोरी कम होती है जो वजन कम करने में मदद कर सकती है। कुछ एडिटिव शुगर जैसे स्टीविया डायबिटीज़ के रोगियों के लिए उपयुक्त होती हैं। एडिटिव शुगर कुछ मामलों में दांतों के लिए अधिक सुरक्षित होती हैं और दांतों के दर्द को कम कर सकती हैं। कुछ एडिटिव शुगर जैसे एलोवेरा अलर्जी से बचाव के लिए उपयुक्त होती हैं। एडिटिव शुगर कई अलग-अलग स्वाद और रंगों में उपलब्ध होती हैं, जो भोजन के स्वाद को और भी सुखद बना सकते हैं।
एडिटिव शुगर, उन चीज़ों के हिसाब से अलग-अलग तरह का होता है, जिन खाने की चीजों में उन्हें मिलाया जाता है। इनमें ब्राउन शुगर, कॉर्न सीरप, गन्ने का रस, डेक्सट्रोज, फ्रूट नेक्टर, फ्रुक्टोज, ग्लूकोज, हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सीरप, लैक्टोज, शहद, माल्ट सीरप, मेपल सीरप, माल्टोज, गुड़, कच्ची चीनी और सुक्रोज जैसी चीजें शामिल हैं। वहीं एडिटिव शुगर से जुड़े मिथ भी लोगों के मन में अक्सर रहते हैं, आइये जानते हैं उनके बारे में…..
चीनी किसी तरह की लत नहीं है
सच कहा जाए, तो ये बात बिलकुल गलत है। चीनी और मीठे की लत अक्सर लोगों को लग जाती है। बता दें, ये आपकी सोच से कहीं ज्यादा अडिक्टिव हो सकती है। ज्यादा चीनी वाली चीजों में एक एडिटिव इफेक्ट मजूद होता है जो हमारे दिमाग को डोपामाइन हार्मोन रिलीज़ करने को मजबूर कर देते हैं। ऐसे में आप अपनी फेवरेट चॉकलेट या फेवरेट मिठाई से दूर होने में काफी मुश्किल हो सकता है।
एडिटिव शुगर में केमिकल होता है
आर्टिफिशियल स्वीटनर्स को फूड्स और ड्रिंक्स में मिलाने से पहले काफी अच्छी तरह से टेस्ट भी किया जाता है। साथ ही इसमें रेसिंग एजेंट्स मजूद होने के बादइन्हे सुरक्षित करार दिया जाता है। आर्टिफिशियल स्वीटनर्स ऐसे फूड एडिटिव हैं, जिन पर फूड बिज़नेस में काफी रिसर्च और एनालिसिस की जाती है। इसीलिए ये हमें विश्वास दिलाने में कामयाब रहते हैं कि इन्हें खाना बिलकुल सुरक्षित है।
स्टीविया आर्टिफिशियल स्वीटनर्स से हेल्दी हैं
स्टीविया एक पौधे से लिया जाता है, लेकिन फिर भी उसे फूड्स और ड्रिंक्स में इस्तेमाल करने लायक बनाने के लिए काफी लम्बा प्रोसेस होता है, जिसमे उसकी नैचुरल मिठास को भी हटा दिया जाता है। इसके अलावा इस दौरान उसे कई तरह के केमिकल स्टेप्स से भी गुज़रना पड़ता है, जो हमारी बॉडी के लिए बिलकुल भी हेल्दी नहीं होते हैं।
चीनी कैविटी, मोटापा और डायबिटीज़ बढ़ाती है।
चीनी यकीनन सेहतमंद तो बिलकुल भी नहीं होती है। लेकिन यही इसका एकमात्र रिस्क फैक्टर नहीं है, इसके अलावा चीनी आपकी बॉडी में डायबिटीज़, मोटापा और दिल से जुड़ी कई बीमारियों का मुख्य कारण नहीं है। क्योंकि आपकी खराब लाइफस्टाइल, जीन्स और आपकी डाइट का इसमें बहुत बड़ा योगदान भी होता है।
आर्टिफिशियल स्वीटनर्स भूख बढ़ाते हैं
बहुत से लोगों का मानना ये भी है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर्स शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। इनसे भूख बढ़ सकती है और इससे वजन बढ़ने का खतरा बढ़ सकता है। आर्टिफिशियल स्वीटनर्स तुरंत या बहुत जल्दी आपकी बड़ी के वजन बढ़ाने में कोई योगदान नहीं करते हैं। इसके अलावा, चीनी के बजाय आर्टिफिशियल स्वीटनर्स को इस्तेमाल करने से उल्टा आपको वजन घटाने में मदद मिलती है। लेकिन इसकी भी रफ्तार काफी धीमी होती है।
फल नहीं खाने चाहिए
यह सही नहीं है कि फल नहीं खाना चाहिए। फलों में नैचुरल शुगर होता है, जो हमारे शरीर के लिए अत्यंत जरूरी होता है। फल खाने से हमें विभिन्न पोषक तत्व मिलते हैं जैसे कि विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट्स, फाइबर, वसा रहित कैलोरी आदि। फलों में शुगर की मात्रा अलग-अलग होती है, लेकिन यदि आप अपनी खुराक को संतुलित रखते हुए फलों का सेवन करते हैं तो फल के शुगर से कोई नुकसान नहीं होता है। फलों में पाये जाने वाले शुगर रसायनों का शरीर में संचय नहीं होता है, जैसा कि चीनी या आर्टिफिशियल स्वीटनर्स के मामले में होता है। इसलिए, फलों का सेवन अत्यंत स्वस्थ होता है और आपको संतुलित डाइट में उन्हें शामिल करना चाहिए।
चीनी अल्टरनेटिव एक हेल्थी ऑप्शन है
कुछ मामलों में ये स्वस्थ हो सकते हैं, लेकिन और कई तरह की चीनी भी आपके लिए बेहतर साबित हो है। इसमें मेपल सीरप, शहद, नारियल की चीनी और स्टीविया जैसे स्वीटनर्स शामिल हैं। ये भले ही चीनी वाली चीज़ें हों, लेकिन इनमें शामिल कुछ जरूरी पोषक तत्व इन्हे एक शानदार विकल्प बनाते हैं। हालंकि चीनी या फिर स्वीटनर जैसी चीजें कम मात्रा में ही किसी भी चीज में इस्तेमाल करना चाहिए।
आपको कभी ये महसूस नहीं करना चाहिए कि अपनी डाइट पर बने रहने के लिए चीनी को पूरी तरह से छोड़ना होगा। आप अपनी डाइट के दौरान चॉकलेट, आइसक्रीम और केक का भी मज़ा ले सकते हैं। साथ ही इसके बारे में आपको पछताना भी नहीं पड़ेगा। लेकिन शर्त यही है कि आपको इन चीज़ों का सेवन कम करना पड़ेगा। जब तक आप अपनी डाइट में ढेर सारे फल, सब्ज़ियां और हेल्दी चीज़ें शामिल कर रहे हैं, तब तक आप कम मात्रा में मीठा खा सकते हैं।