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मेढक की टर्र-टर्र - ईसप की कहानी(Hindi kids story)

06:00 PM Oct 23, 2023 IST | Guddu KUmar
मेढक की टर्र टर्र   ईसप की कहानी hindi kids story
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Hindi kids story: एक मेढक बड़ा गपोड़ी था। उसने एक बार घोषणा करवाई कि उसने इलाज का बड़ा अच्छा तरीका खोज लिया है। जंगल का जो भी पशु-पक्षी चाहे, उससे इलाज करवा सकता है।

सारे जानवर इकट्ठे हुए तो उस मेढक ने जोर से टर्राते हुए कहा, ''सुनो, सुनो, भाई सुनो, तुम्हारे सामने इस दुनिया का सबसे बड़ा डॉक्टर मौजूद है। यहाँ तक कि देवताओं का डॉक्टर भी उसका मुकाबला नहीं कर सकता। समझ लो कि तुमने पिछले जन्म में बड़े पुण्य किए थे, जो मैं यहाँ तुम्हारे बीच तुम सबका इलाज करने के लिए मौजूद हूँ।''

जब वह मेढक बढ़-चढ़कर डींगें हाँक रहा था, तो एक नटखट बकरी से न रहा गया। उसने कहा, ''बड़ी खुशी की बात है कि हमारे बीच तुम्हारे जैसा महान चिकित्सक मौजूद है, लेकिन भैया, तुम पहले अपना इलाज तो कर लेते। तुम्हारी टाँगें कितनी भद्दी हैं, उन्हें सीधा क्यों नहीं कर लेते?''

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थोड़ी देर में लोमड़ी खड़ी हुई। उसने कहा, ''अरे, तुम्हारा माथा कितना बुरी तरह उभरा हुआ है? पहले इसे ठीक कर लो न।'' खरगोश ने खड़े होकर कहा, ''और तुम्हारी खाल कितनी भद्दी और झुर्रियों भरी है। तुम इसे ठीक क्यों नहीं कर लेते?''

भेड़ ने कहा, ''तुम्हारी आँखें इतनी भद्दी और उभरी हुई हैं, जैसे अभी बाहर निकली पड़ रही हों। अगर तुम ऐसे महान चिकित्सक हो, तो उनका इलाज करके दिखाओ।''

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Hindi kids story

''ओह, तुम मेरी महानता को नही समझ पा रहे, तो ठीक है। मैं भी अब यहाँ नहीं रहूँगा।'' कहकर मेढक ने कंधे उचकाए और उसी दिशा की ओर भाग खड़ा हुआ जहाँ से आया था।

जब वह भागता हुआ दूर जा रहा था, तो उसे सभी जानवरों के ठठाकर हँसने की आवाज सुनाई दी। सब हँसते-हँसते लोट-पोट हो रहे थे और कह रहे थे, ''ओहो, ऐसा महान डॉक्टर हमें मिला था जो देवताओं को भी नसीब नहीं है। मगर बेचारा भाग गया...हा-हा, हा-हा!''

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सीख : जो खुद को नहीं सुधार सकता, वह भला औरों को क्या सुधारेगा?

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