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'आह' और 'ओह' - दादा दादी की कहानी

10:00 AM Sep 25, 2023 IST | Reena Yadav
 आह  और  ओह    दादा दादी की कहानी
ahh aur ohh, dada dadi ki kahani
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Dada dadi ki kahani : जादूगर 'आह' और जादूगर 'ओह' एक-दूसरे से जलते थे। एक बार जादूगर आह ने ओह पर हमला कर दिया। ओह ने अपने आपको एक घोड़े में बदला और भाग गया। तब आह एक हिरन बन गया और घोड़े के पीछे गया। जैसे ही आह, ओह के पास पहुँचा, ओह भेड़िया बन गया और आह के पीछे भागा। आह ने खुद को भालू में बदल लिया और ओह के पीछे आया। तभी ओह एक शेर बन गया।

शेर से बचने के लिए आह एक चिड़िया बनकर उड़ गया। तभी उसने देखा कि ओह चील बनकर उसके पीछे आ रहा था। इसीलिए आह ने पानी में छलाँग लगा दी और मछली बन गया। ओह शार्क बनकर उसके पीछे आया। आह किसी तरह किनारे तक पहुँचा। वहाँ एक राजकुमारी बैठी हुई थी और अपनी सहेलियों से बातें कर रही थी। आह ने खुद को एक सोने की अंगूठी में बदल लिया। राजकुमारी ने अंगूठी उठा ली और ध्यान से देखने लगी।

तभी ओह वहाँ कबूतर बनकर आ गया। इधर राजकुमारी के हाथ से निकलकर उड़ने के लिए आह ने एक कबूतरी का रूप बना लिया था। उसे पता नहीं था कि ओह एक कबूतर बनकर आया है। कबूतर बने 'ओह' और कबूतरी बने 'आह' ने एक-दूसरे को देखा। देखते ही दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे। वे अपनी शत्रुता भूल गए और एक साथ उड़कर चले गए।

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कबूतर और कबूतरी तभी से प्रेम के प्रतीक बनकर सबको शांति और प्यार सिखाते आ रहे हैं। एक-दूसरे के लिए उनका लगाव आज भी देखा जा सकता है।

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