जानिए कब है अहोई अष्टमी, तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व: Ahoi Ashtami 2023
Ahoi Ashtami 2023-इस दुनिया में हर मां का सबसे प्यारा, महत्वपूर्ण और मजबूत रिश्ता होता है अपने बच्चे से। बच्चे के जन्म के साथ ही मां उसके उज्जवल भविष्य के सपने देखना शुरू कर देती है। उसकी यही इच्छा होती है कि उसके बच्चे को हमेशा तरक्की मिले, उसकी दीर्घायु हो। हर मां के इसी प्यार और समर्पण के नाम है अहोई अष्टमी का व्रत। अहोई अष्टमी का व्रत हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह व्रत मां अपने बच्चों की मंगलकामना के लिए करती हैं। चलिए जानते हैं इस साल कब है अहोई अष्टमी का यह महत्वपूर्ण व्रत और क्या है इसका श्रेष्ठ मुहूर्त।
साल 2023 में अहोई अष्टमी पूजा का मुहूर्त
अहोई अष्टमी का व्रत करवा चौथ के चार दिन बाद आता है। यह त्योहार कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर माता द्वारा पूरी श्रद्धा और प्रेम से अपने बच्चों के लिए मनाया जाता है। इस बार अहोई अष्टमी का व्रत 5 नवंबर, 2023 यानी रविवार को है। ज्योतिषियों के अनुसार 5 नवंबर को दोपहर 1 बजे से शुरू होकर 6 नवंबर को प्रात: 3 बजकर 18 मिनट तक अष्टमी तिथि है। वहीं इस पवन पर्व पर पूजा का श्रेष्ट मुहूर्त 5 नवंबर को सांयकाल में 5 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर सायंकाल सात बजे तक रहेगा। इस मुहूर्त पर पूजा करने के माताओं को व्रत का अच्छा फल मिलेगा। आपको बता दें कि यह व्रत तारों को देखकर खोला जाता है।
इसलिए महत्वपूर्ण है अहोई अष्टमी
अहोई अष्टमी का व्रत मां अपने बच्चों की सुख, समृद्धि और शांति के लिए करती हैं। माताएं इस दिन कठिन निर्जल व्रत रखती हैं और मां अहोई से प्रार्थना करती हैं कि उनके बच्चों को जीवन में कभी कोई कष्ट न हो। इसके साथ ही जिन महिलाओं को गर्भधारण करने में परेशानी होती है, वे भी अहोई अष्टमी का व्रत रख सकती हैं। माना जाता है कि इस व्रत को करने से उन्हें संतान सुख मिल सकता है।
अहोई अष्टमी की पूजन विधि
अहोई अष्टमी पर कुछ बातों का ध्यान रखकर आप इस व्रत का पूरा फल पा सकती हैं। इसके लिए अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करके साफ धुले वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद माता अहोई की तस्वीर लगाएं। माता का रोली, चावल, फूलों से श्रृंगार करें। फिर एक कलश में जल भरें और अहोई अष्टमी की कथा सुनें। इसके बाद माता को हलवे पूरी का भोग लगाएं। साथ में फल का भोग लगाएं, जिसमें सिंघाड़े जरूर शामिल करें।
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व्रत खोलते समय रखें इन बातों का ध्यान
अहोई अष्टमी के इस कठिन व्रत को करने के ही नहीं बल्कि खोलने के भी कुछ नियम हैं। ज्योतिषियों के अनुसार जो माताएं अहोई अष्टमी का व्रत करती हैं, उन्हें तारे देखकर ही अपना व्रत खोलना चाहिए। भोजन के समय अपनी थाली में सिंघाड़े का फल जरूर शामिल करें। साथ ही हलवा और चना भी जरूर थाली में शामिल करें। भोजन के बाद जल ग्रहण करके ही अपने स्थान से उठें।