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अर्थराइटिस और आर्थराल्ज़िया – दो अलग जॉइंट पेन कंडीशंस, जाने क्या है अंतर: Joint Pain Conditions

07:00 AM Apr 10, 2024 IST | Divya Agarwal
अर्थराइटिस और आर्थराल्ज़िया – दो अलग जॉइंट पेन कंडीशंस  जाने क्या है अंतर  joint pain conditions
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Joint Pain Conditions: अर्थराइटिस और आर्थराल्ज़िया दोनों जोड़ों के दर्द से जुड़ी समस्याएं हैं लेकिन दोनों में कुछ अंतर है I आज हम इसी के बारे में बात करेंगे I जहां अर्थराइटिस में जोड़ों में सूजन होती है जिससे दर्द होता है वही आर्थल्ज़िया में जोड़ों में दर्द होता है पर सूजन नहीं होती I
• अर्थराइटिस- अर्थराइटिस में एक या एक से अधिक जोड़ो में सूजन, दर्द, मोबिलिटी में कमी, स्टिफ्फनेस आदि देखने में आता है I मेडिकल रिसर्च के अनुसार अर्थराइटिस 100 से भी अधिक टाइप्स की होती है जिसमें से सबसे कॉमन ओस्टियोआर्थराइटिस है I स्पेशलिस्ट के अनुसार ओस्टियोआर्थराइटिस में जॉइंट्स के कार्टिलेज का टूटना देखा गया है I
• आर्थल्ज़िया – आर्थल्ज़िया भी जोड़ों के दर्द से जुड़ी प्रॉब्लम है पर इसमें सूजन या रैडनैस देखने में नहीं आती है I अगर यह मल्टीपिल जॉइंट्स को प्रभावित करता है तो इसे पॉलीआर्थल्ज़िया कहा जाता है I यह अलग-अलग कारणों से हो सकता है जैसे जॉइंट्स को ओवर यूज़ करना, चोट लगना या अन्य मेडिकल कंडीशंस I

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अर्थराइटिस और आर्थल्ज़िया के बीच अंतर

Two Different Joint Pain Conditions
Know The Difference Between arthritis And Arthralgia

• कारण के अनुसार - अर्थराइटिस चोट, इंफेक्शन, ऑटो इम्यून डिसऑर्डर या जॉइंट्स के वियर और टिअर के कारण होती है I आर्थल्ज़िया अक्सर चोट, ओवर यूज़, स्ट्रैस और कुछ मेडिकल कंडीशंस जैसे कि फाइब्रोमायल्ज़िया या ल्यूपस के कारण होता है I यह कीमोथेरेपी सहित कैंसर ट्रीटमेंट् के साइड इफेक्ट के कारण भी हो सकती है I

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• सिंपटम्स के अनुसार - अर्थराइटिस के सिंपटम्स में स्टिफनैस, सूजन, दर्द, रेंज ऑफ़ मोशन में कमी, गर्मी और रैडनैस आदि शामिल है I आर्थल्ज़िया के सिम्टम्स में रैडनैस, हीट और सूजन के बिना जोड़ों में दर्द रहता है

• रिस्क फैक्टर्स के अनुसार - अर्थराइटिस के रिस्क फैक्टर्स में उम्र, मोटापा, जैनेटिक्स, जॉइंट में लगी पुरानी चोट आदि शामिल है I आर्थल्ज़िया के रिस्क फैक्टर्स में जॉइंट्स का ओवर यूज़ होना, उम्र, जॉइंट्स में लगी पुरानी चोटें, और कुछ मेडिकल कंडीशंस शामिल हैं I

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• डायग्नोसिस के अनुसार - अर्थराइटिस का डायग्नोसिस फिज़िकल एग्जामिनेशन, मेडिकल हिस्ट्री, एक्स-रे या एमआरआई और ब्लड टेस्ट जैसे कि R A फैक्टर फॉर रूमेटॉइड अर्थराइटिस के द्वारा किया जाता है I आर्थल्ज़िया का डायग्नोसिस पेशेंट की मेडिकल हिस्ट्री, फिजिकल एग्जामिनेशन और जॉइंट पेन के अन्य कारणों का पता लगाकर किया जाता है I

• कॉमप्लेक्सिटी के अनुसार - अर्थराइटिस में जॉइंट डैमेज, डिफॉरमिटी, डिसेबिलिटी और आपकी लाइफ की क्वालिटी में कमी आ सकती है I आर्थल्ज़िया का अगर इलाज न किया जाए तो यह क्रॉनिक पेन और मोबिलिटी की कमी का कारण बन सकता है I

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• ट्रीटमेंट के अनुसार - अर्थराइटिस के ट्रीटमेंट में पेन किलर्स, एंटी इन्फ्लेमेटरी मेडिसिंस, फिजिकल थेरेपी, लाइफ़स्टाइल चेंजेज जैसे कि एक्सरसाइज और वेट मैनेजमेंट और कुछ सीवियर केसेस में ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी शामिल है I आर्थल्ज़िया का ट्रीटमेंट रैस्ट, आइस या हीट थेरेपी, पेन रिलीविंग एक्सरसाइज, वेट मैनेजमेंट (और उन एक्टिविटीज़ से बचना जो जोड़ों के दर्द को बढ़ाते है ) के द्वारा किया जाता है I

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