स्टोरीज
कथा-कहानी | लघु कहानीकविता-शायरीउपन्यास
ब्यूटी | स्किनहेयरमेकअप
फैशन | स्टाइल एंड टिप्सट्रेंड्स
एंटरटेनमेंट | बॉलीवुडसेलिब्रिटीटीवी कार्नरजरा हट के
खाना खज़ाना | रेसिपी
हेल्थ | दवाइयांफिटनेसवेट लॉसदादी माँ के नुस्खेप्रेगनेंसीटिप्स - Q/A
लव सेक्स | रिलेशनशिपQ&A
लाइफस्टाइल | होमपेरेंटिंगउत्सवट्रेवलमनीवेडिंगराशिफल

बसंत पंचमी का त्योहार -गृहलक्ष्मी की कविता

04:09 PM Feb 04, 2022 IST | grehlakshmi hindi
basant panchami poem
Advertisement

आया बसंत पंचमी का त्योहार 
 जीवन में भरी खुशियां अपार।
 मां शारदे आई मेरे द्वार
 अपने वाहन हंस पर होके सवार ।
कलम में देकर मेरी ताकत मां,
अब दूर करो मेरा भी अंधकार ।
ज्ञान बुद्धि से भर दो मां ,आत्मसात करू अच्छा व्यवहार ।

Advertisement

धूप दीप फल मेवा लेकर
आशा की ज्योति जला कर
कब से खड़ी हूं इसे करो स्वीकार।
 संयम, सत्य, स्नेह देकर
दे दो मां मुझ में अच्छा संस्कार ।
कमल पुष्प पर बैठ मां,
 लेकर तुम सरस्वती अवतार।
कहती कीचड़ का तुम कमल बनो ,
अपने कर्म का वन पतवार।

Advertisement

यह भी पढ़ें | काश-गृहलक्ष्मी की कविता
Advertisement
Tags :
कविता कहानी
Advertisement
Next Article