फूलों में छिपा है सेहत और सौंदर्य का खजाना: Benefits of Flowers
Benefits of Flowers: फूल हमेशा से सजावट और ईश्वर को अर्पित करने के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं लेकिन फूलों के कई औषधीय गुण भी हैं। अपनी तीव्र गंध और चिकित्सीय गुणों के कारण फूलों का इस्तेमाल कई तरह के ब्यूटी उत्पादों और पेय पदार्थों में भी किया जाता है।
प्रकृति के अनमोल उपहार सौंदर्य, प्रेम और आकर्षण के प्रतीक फूल भला किसे आकर्षित नहीं करते। फूल एक ओर जहां अपनी महक व सौंदर्य से समूचे परिवेश को सुगंधित कर देते हैं, दूसरी ओर वातावरण को पवित्र बना देती है। दरअसल, फूलों में सौंदर्य व सेहत का खजाना भी छिपा है। तो आइये फूलों को हम अपनी जिंदगी में शामिल करते हुये उनके जादुई गुणों को भी अपनायें।
गुलाब: गुलाब का फूल कई सारे औषधीय गुणों से भरपूर होता है। गुलाबजल से आंखें धोने से जलन कम होती है, ठंडक आती है। गुलाब का इत्र वातावरण को महका देता है। गुलाब का गुलकंद पेट की गरमी कम कर शीतलता देता है। गुलाब का शरबत व ठंडाई त्वचा को कमनीय रूप देकर निखार देता है। पानी में गुलाब की पंखुड़ियां गुलाबजल डालकर स्नान करने से पूरा शरीर तरोताजा हो जाता है।
बेला: बेला का नाम सुनते ही पूरा वातावरण सुगंधित हो उठता है। खुशबू से भरे बेला के फूलों का गजरा, नारी का श्रृंगार है। फूल हमारे शरीर से पसीने की दुर्गंध को दूर करने में सहायक है।
जूही: के फूलों का चूर्ण या गुलकंद से टीबी के रोग में आराम मिलता है। पेट के अल्सर में लाभ होता है। शरीर की प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ती है।
गेंदा: गेंदा के फूल भी बेहद उपयोगी है। चर्म रोग या लिवर की सूजन आने पर अन्य चीजों के साथ फूलों का सेवन करने से फायदा मिलता है। कान में दर्द होने पर गेंदा का रस डालने से आराम मिलता है। गेंदे के फूलों के आसपास मच्छर कभी नहीं आते हैं।
हरसिंगार (पारिजात): गठिया रोग में इसके फूलों का काढा लाभकारी होता है। फूलों की डंडियों को शरीर पर मलने से सौंदर्य में वृद्धि होती है। पारिजात के फूल तनाव हटाकर खुशियां बढ़ाते हैं।
केवड़ा: का इत्र जहां वातावरण को महका देता है वहीं सिरदर्द, खुजली में व गठिया में लाभदायक होता है।
रजनीगंधा: फूलों के औषधीय गुणों के कारण इन्हें घर में लगाने से स्वास्थ्य अच्छा होता है।
केसर: की महक सेहत व सौंदर्य दोनों के लिए अनमोल खजाना है। दूध में केसर डाल कर पीने से सुंदर व स्वस्थ संतान होती है, ऐसी हमारे यहां मान्यता है। केसर को दूध में डालकर चेहरा साफ करने से रंग में निखार आता है। त्वचा में कांति, कोमलता आती है।
कमल: पवित्रता का प्रतीक कमल की पंखुड़ियों को पीस कर उबटन लगाने से त्वचा में कोमलता, सुंदरता आती है। गुलकंद बनाकर खाने से कब्ज में लाभ होता है। कमलनाल को सुखा कर सब्जी बनाई जाती है वो बेहद पौष्टिक होती है।
कचनार: के फूलों का लेप जले, घाव व फोड़ा-फुंसी में फायदेमंद होता है। इसके फूलों की कलियों के खाने से दस्त लगने पर आराम मिलता है।
चम्पा: के फूल का अर्क खून के कीड़ों को दूर करता है। चम्पा के फूलों के प्रयोग से नेत्र ज्योति बढती है।
चमेली: के पत्ते चबाने से मुंह के छाले में आराम मिलता है। चमेली का तेल बालों के लिए दांतों के रोग, पायरिया में व चर्म रोग में फायदेमंद होता है।
सूरजमुखी: के फूलों में विटामिन ए और डी रहता है। सूरजमुखी का तेल हृदय रोगों व कोलोस्ट्राल को दूर करने में मदद करता है।
गुड़हल: के फूलों में एंटी आक्सीडेंट गुण होते हैं। गुड़हल का सेवन महिलाओं से संबंधित रोगों में किया जाता है।