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रोजाना चलेंगे 10,000 कदम, तो रहेंगे स्वस्थ: Benefits of Walking

09:00 AM Mar 23, 2023 IST | Rajni Arora
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Benefits of Walking: डिजिटलाइजेशन के इस दौर में बैठकर काम करना, लाइफ स्टाइल में बदलाव और समयाभाव में फिजीकल एक्टिविटीज की कमी के चलते लोगों को बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। हालांकि बढ़ती बीमारियों के बीच लोग अपनी फिटनेस के प्रति सचेत भी हुए हैं और अपने बिजी शेड्यूल से समय निकाल जिम में एक्सरसाइज करते हैं। लेकिन वहां की जाने वाली हाई इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज के कारण होने वाली मौतों के मामले भी सामने आए हैं।

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आरामपरस्त या निष्क्रिय जीवनशैली को छोड़कर सक्रिय जीवन जीना-आज के समय की मांग है। अगर हम चाहते हैं कि शरीर रूपी मशीन ढंग से काम करे तो जरूरी है कि हम इसे सक्रिय रखें। अस्वस्थ और संतुलित जीवन जीने के लिए हमें ध्यान में रखना होगा कि खाने के जरिये जितनी कैलोरी शरीर को दे रहे हैं उतनी ही कैलोरी रोजाना खर्च भी हो, जिससे शरीर में अतिरिक्त फैट जमा न हो और हम गंभीर बीमारियों की गिरफ्त में न आएं।

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मेडिकल साइंस में सक्रिय रहने के लिए रोजाना पैदल चलने या वाॅक करने को बेहतरीन माध्यम माना जाता है। यह ऐसा व्यायाम है जिसे हर उम्र के व्यक्ति बिना पैसा खर्च किए अपनी क्षमतानुसार आसानी से कर सकते हैं और सेहतमंद रह सकते हैं। वाॅक को लेकर फिटनेस एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय भी हैं- कुछ एक्सपर्ट्स रोजाना 10,000 कदम चलना फायदेमंद मानते है, तो कुछ एक्सपर्ट्स रोजाना 7500 कदम और कुछ रोजाना 8200 कदम।

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मौटे तौर पर 10 हजार कदम तकरीबन 8 किमी चलने के बराबर होता है जिसके लिए एक सामान्य व्यक्ति को तकरीबन डेढ घंटा का समय लग जाता है। वैज्ञानिक मानते हैं कि जरूरी नहीं कि व्यक्ति 10 हजार कदम एक बार में ही तय करे। वो अपनी सुविधानुसार और क्षमतानुसार दिन में सुबह-शाम दो बार वाॅक कर सकते हैं। या फिर सुबह 5-6 हजार कदम चल ले और बाकी कदम दिन भर में विभिन्न एक्टिवीज को करते हुए पूरा करते हुए कर सकते हैं। कुल मिलाकर रोजाना वाॅक करना अच्छी सेहत की संजीवनी है। वाॅक करते समय शरीर एक्टिव मोड में आ जाता है जिससे कई बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। नियमित तौर पर वाॅक करना सेहत के लिहाज से फायदेमंद है।

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Benefits of Walking:मोटापे को करे नियंत्रित

हमारे शरीर में कुछ जीन्स होते हैं जो मोटापा पैदा करते हैं। फिजिकल एक्टिविटी कम होने के चलते ये जीन्स ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं। ऐसे में आपका रोजाना चलना इन जीन्स के पवार कम हो जाती है। कई लोग होते हैं, जो बहुत कम खाते हैं फिर भी उनका मोटापा कम नहीं होता। अगर कम होता भी है तो फिर बढ़ जाता है। ऐसा उनमें पाए जाने वाले जीन्स की वजह से होता है। ये जीन्स शरीर की कोशिकाओं में वसा की मात्रा को बढ़ाते रहते हैं।
मोटापा बढ़ाने वाले जीन्स पर हावर्ड यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च के मुताबिक, जिन लोगों ने रोजाना एक घंटा वाॅक की, ऐसे लोगों में इन जीन्स का प्रभाव 50 प्रतिशत से भी कम हुआ। एक अनुमान के मुताबिक रेगुलर 1000 कदम चलने से जब व्यक्ति 30 से 40 कैलोरीज तक बर्न कर सकता है तो 10,000 कदम पर आसानी से 300 से 400 कैलोरीज बर्न की जा सकती हैं।

स्वीट क्रेविंग को करे कम

रेगुलर वाॅकिंग करने से शरीर में मिठाई, चाॅकलेट, जंग फूड खाने की क्रेविंग कम हो जाती है। इन चीजों के सेवन से डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्राॅल, मोटापा, स्ट्रेस जैसी कई तरह की बीमारिया बढ़ती हैं। वाॅक करने से शरीर में हैप्पी हार्मोन का स्राव बढ़ जाता है जो स्वीट क्रेविंग को कम कर देते हैं और भविष्य में होने वाली बीमारियों से भी बचाते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक, सिर्फ 15 मिनट रेगुलर वाॅक करने से स्वीट क्रेविंग करीब 70 प्रतिशत कम हो जाती है।

ब्रेस्ट केंसर के रिस्क को करे कम

Benefits of Walking -Reduce Breast Cancer Risk

रेगुलर वाॅक करने से महिलाओं में ब्रेस्ट केंसर होने का खतरा काफी कम हो जाता है। अमेरिकी केंसर सोसाइटी के अनुसार अगर कोई महिला एक सप्ताह में कम से कम 8 घंटे वाॅक करती हैं तो उसके अंदर ब्रेस्ट केंसर होने का खतरा 14-15 प्रतिशत कम हो सकता है।

जोड़ों के दर्द में मिले आराम

आमतौर पर घुटनों, नितंबों या कमर में दर्द हो तो लोग आराम करने लगते हैं। इसके बजाय जोड़ो के दर्द में वाॅकिंग करना फायदेमंद होता है। रेगुलर वाॅक करने से जोड़ों के अंदर चिकनाई या लुब्रीकेशन बढ़ती है। मसल्स, लिगामेंट्स और हड्डियां मजबूत बनती हैं। इससे जोड़ों पर दवाब कम पड़ता है। रिसर्च से पता चला है कि मेनोपाॅज के बाद जो महिलाए रोजाना वाॅक करती हेैं, उनकी बोन डेंसिटी दूसरों की तुलना में अधिक होती है। आर्थराइटिस के मरीजों के लिए नियमित रूप से चलना बहुत जरूरी है। अगर व्यक्ति फिट है तो उसे रोजाना 5 किमी तक वाॅक कर सकता है। लेकिन उसका फिटनेस लेवल अच्छा नहीं है या वो चलना शुरू कर रहा हो तो उसे अपनी क्षमता को ध्यान में रखकर ही चलना चाहिए। लेकिन कोशिश करनी चाहिए कि रोजाना एक-डेढ किमी जरूर वाॅक करें।

इम्यूनिटी होती है मजबूत

एक रिसर्च से साबित हुआ है कि जो लोग रोजाना करीब 20 मिनट और सप्ताह में कम से कम 5 दिन वाॅक करते हैं। उनके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सुचारू रूप से चलने पर ऑक्सीजन लेवल अच्छा रहता है। उनमें मौसम के बदलाव पर होने वाली बीमारियां होने का खतरा करीब 45 प्रतिशत कम होता है। अगर ऐसे लोग इंफेक्शन का शिकार हो भी जाते हैं, तो उनके रिकवर होने की स्पीड काफी तेज होती है यानी वो जल्दी ठीक हो जाते हैं।

डायबिटीज करे कंट्रोल

डायबिटीज के मरीजों को डॉक्टर नियमित रूप से वॉक करने की सलाह देते हैं। इससे शरीर में इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है, इंसुलिन का स्राव कम होता है, ग्लूकोज का लेवल कम करता है। नियमित वाॅक करने से शरीर मे इंसुलिन लेवल 3-10 यूनिट कम कर सकता है। ब्लड शूगर नियंत्रित करने के साथ टाइप-2 डायबिटीज को कंट्रोल करने और प्री डायबिटीज को रिवर्स करने में मदद कर सकती है।

दिल को रखे स्वस्थ

Keep Heart Health

रिसर्च के हिसाब से रोजाना वाॅक करने से हृदय रोग का खतरा 50 प्रतिशत कम हो जाता है। हृदय की धड़कनें तेज होती है, जिससे रक्त का संचरण सुधरता है और रक्त नलिकाओं का लचीलापन बरकरार रहता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है, जिससे ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्राॅल लेवल कंट्रोल में रहता है। जिससे दिल से संबंधित बीमारियां होने का खतरा बहुत कम हो जाता है। नियमित वाॅक करने से शरीर तेज हार्टबीट के साथ सामंजस्य बिठाने में सक्षम हो जाता है। इसलिए स्ट्रेस या आकस्मिक आघात के समय हार्टबीट अगर तेज हो जाती है, तो कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम कम प्रभावित होता है।

मानसिक तनाव करे कम

भागदौड़ भरी जिंदगी में हर किसी को किसी न किसी तरह की टेंशन रहती है। नियमित वाॅक करने से दिमाग तरोताजा रहता है। रोजाना चलने से शरीर में हेप्पी हार्मोन एंडोर्फिन रिलीज होते हैं। इससे मूड ठीक रहता है और नींद अच्छी आती है। तनाव दूर कर एक नई शुरूआत करने में मदद करता है। अध्ययनों से पता चला है कि डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति अगर रोजाना 30-40 मिनट वाॅक करें, तो उसका स्ट्रेस लेवल कम हो सकता है।

किन बातों का रखें ध्यान

हालांकि वाॅक करते समय किसी खास उपकरण की जरूरत नहीं होती, फिर भी कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए-

(डाॅ राहुल नागर, फिजीशियन, सहगल निओ अस्पताल, दिल्ली)

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