गर्मियों में इन उपायों से न बढ़ने दें शरीर की गर्मी: Body Heat Prevent
Body Heat Prevent: गर्मी का मौसम दस्तक दे चुका है। एक तो वैसे ही वातावरणीय गर्मी से हाल बेहाल रहता है। ऊपर से अगर शरीर की गर्मी भी बढ़ जाए तो व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वैज्ञानिक तौर पर देखें तो हमारे शरीर में गर्मी होना जरूरी है हमारे डायजेशन, मेटाबाॅलिज्म और बाॅडी टैम्परेचर को रेगुलेट करने के लिए।
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क्या है लक्षण
जब हमारे शरीर की गर्मी जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है तो व्यक्ति को बहुत ज्यादा गर्मी लगने लगती है। बहुत ज्यादा पसीना आने लगता है, पसीने से बदबू आने लगती है। बहुत प्यास लगती है, मन करता है कुछ न कुछ पीते रहें। धूप बर्दाश्त नहीं होती, धूप में अगर जाना पड़ जाता है तो चेहरा लाल हो जाता है, त्वचा पर रैशेज पड़ जाते हैं। अगर आपको शरीर पर कहीं पिगमेंटेशन हो रही हो जैसे- छोटे-छोटे काले दाग हे रहे हों, फोड़े-फुंसियां निकलना या हाथ-पैरों के तलवों से सेंक निकलना, आंखों में जलन होना, बालों का समय से पहले सफेद होना, बालों का झड़ना, महिलाओं को मासिक धर्म में ज्यादा ब्लीडिंग होना, पाइल्स होने पर एनस हिस्से से ब्लीडिंग होना, एसिडिटी की शिकायत होना, खट्टे डकार आना, मुंह में छाले होना- ये सारे लक्षण दर्शाते हैं कि बाॅडी में गर्मी बढ़ गई है। ऐसे में व्यक्ति को गुस्सा बहुत आता है, चिड़चिड़ापन रहता है।
क्या है कारण
आयुर्वेद के अनुसार शरीर में गर्मी पित्त दोष के असंतुलन की वजह से होती है। लेकिन यह गर्मी मौसम खासकर गर्मियों में ज्यादा होती है। इसके अलावा भी गलत खानपान, स्मोकिंग या एल्कोहल के ज्यादा सेवन से, स्ट्रेस की वजह से शरीर में गर्मी बढ़ जाती है।
क्या है उपचार
ऐसे में अगर व्यक्ति शरीर की गर्मी को कम करने में सफल होता है तो ये समस्याएं अपने आप ही ठीक होने लगती हैं। यहां कुछ उपाय बताए जा रहे हैं, जिन पर अमल करके समस्या से राहत पाई जा सकती है-
गोंद कतीरा
यह गर्मी के मौसम में पेड़ों के तने से प्राकृतिक रूप् से निकलती है। यह चिपचिपी गोंद जैसी होती है जो बाद में सूख जाती है। इसे आसानी से किराने की दुकान से ले सकते हैं। गोंद कतीरा का अपना कोई स्वाद नहीं होता।इसके 4-5 दाने पानी में भिगो कर 2-3 घंटे में भिगो दिए जाएं तो यह फूलकर दोगुने हो जाते हैं। इस गोंद कतीरा का एक चम्मच नींबू पानी में मिलाकर पीना फायदेमंद है। इसे आप किसी भी शर्बत में या फिर रात को सोने से पहले दूध में डालकर भी पी सकते हैं। इसके अलावा अगर गर्मी से आंखों की जलन या लालिमा को दूर करने में भी सहायक है। गोंद कतीरा को आंखों पर लगाकर 10 मिनट के लिए लेट जाएं, आराम मिलता है। इसका आई पैक रोजाना लगाने से डार्क सर्कल भी कम होते हैं। माथे और पैरों के तलवे पर लगाकर 20 मिनट के लिए आराम करने पर शरीर की गर्मी जल्द खत्म हो जाती है।
चरक संहिता के अनुसार गोंद कतीरा हीट स्ट्रोक से बचाने का अच्छा तरीका है। गोंद कतीरा की तासीर बहुत ठंडी होती है। इसे सर्दियों में खाने से मना किया गया है। माना जाता है कि गोंद कतीरा का एक चम्मच रोज खाने से शरीर को ठंडक तो मिलती ही है, लिवर के स्वास्थ्य में सुधार आता है, शरीर में ताकत आती है और चेहरे पर ग्लो आता है।
सिर को गर्मी से बचाएं
गर्मियों में बाहर निकलते समय सिर ढक कर जाना फायदेमंद है। सिर को ढकने पर सन स्ट्रोक, स्किन रैशेज और शरीर की गर्मी की समस्या से बचा जा सकता है। गर्मियों में सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक सूर्य की किरणें बहुत तीखी होती हैं। ऐसे टाइम पर सूर्य की किरणें हमारे नंगे सिर पर पड़ती हैं तो उससे शरीर के अंदर तक गर्मी का असर होता है। आयुर्वेद के हिसाब से धूप में नंगे सिर जाने से न सिर्फ शरीर में गर्मी बढ़ती है, बल्कि इससे ओजस शक्ति भी घटती है। कोशिश करें कि इस समय यथासंभव बाहर न निकलें, अगर जाना पड़े तो सिर को ढकना न भूलें। आप छतरी, स्कार्फ, कैप, दुप्पटा, रूमाल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन्हें बाइक या स्कूटर चलाते हुए हेलमेट के नीचे भी पहनें।
नहाते समय भी ध्यान रखें। हालांकि गर्म पानी से नहाने से मसल्स रिलेक्स हो जाते हैं, लेकिन गर्मियों में इसे अवायड करना बेहतर है। खासकर सिर पर गर्म पानी बिल्कुल न डालें। इससे शरीर में गर्मी बढ़ेगी और बालों में डेंड्रफ होता है, झड़ने की समस्या होती है, उम्र से पहले सफेद होने लगते हैं। गर्मियों में ठंडे पानी से नहाना ही बेहतर है। अगर शरीर में गर्मी की समस्या ज्यादा हो, तो नहाने के पानी में थोड़ा-सा गुलाब जल मिलाकर नहाएं।
कोल्ड ड्रिंक्स के बजाय पिएं कूल ड्रिंक्स
शरीर की गर्मी बढ़ने पर प्यास बहुत ज्यादा लगती है। मन करता है कि कोल्ड ड्रिंक्स पीते रहें। लेकिन ये रिफाइंड चीनी से भरी कार्बोनेटेड ड्रिंक्स होती है जो हमारी हड्डियों में से कैल्शियम कम करती हैं। ये सिर्फ कहने भर के लिए कोल्ड ड्रिंक्स हैं लेकिन वास्तविकता में इतनी एसिटिक होती हैं कि पेट का पूरा पीएच बैलेंस बिगाड़ देती हैं। इन्हें ज्यादा मात्रा में पीने से एसिडिटी होती है, पेट में अल्सर होने का खतरा रहता है।
बेहतर होगा कि गर्मी से बचने के लिए कोल्ड ड्रिंक्स के बजाय कूल ड्रिंक्स पिएं। जैसे- गन्ने का जूस आजकल आसानी से मिल जाता है जो तासीर में ठंडा होने के साथ-साथ स्वाद में लाजवाब होता है। आयुर्वेद में तो गन्ने के जूस को लिवर में बड़ी गर्मी को कम करने के लिए औषधि के रूप् में इस्तेमाल किया जाता है। नेचुरली मीठा हेै, इसलिए डायबिटिक लोगों के लिए भी फायदेमंद है। एक गिलास गन्ने के जूस में नींबू, पुदीना और थोड़ी-सी बर्फ डालकर पीना शरीर को ठंडक प्रदान करता है। इसके अलावा शरीर की गर्मी को नेचुरली कम करने में नारियल पानी, या घर में बने लस्सी या छाछ, चने या जौ का सत्तू, जलजीरा, बेल का शर्बत, तरबूज का शर्बत पीना फायदेमंद हैं।
फुट मसाज
शरीर की गर्मी सबसे जल्दी हमारे पैरों के तलवे से निकलती है। जिसके शरीर में बहुत गर्मी होगी उसके पैर जलते प्रतीत होते हैं, पैरों से बदबू आती है। आयुर्वेद के अनुसार जैसे पौधे की जड़ में पानी देने स पूरा पौधा हरा-भरा हो जाता है। वैसे ही हमारे शरीर की जड़ पैर हैं। रात को सोने से पहले पैर धोकर सरसों या नारियल के तेल या फिर घी से पैरों के तलवों की मालिश करने से शरीर की गर्मी निकल जाती है। शरीर की गर्मी को कम करने में कांसा धातु से बनी कटोरी से पैरों की मसाज करना और भी फायदेमंद है। शरीर-मस्तिष्क को ठंडक मिलती है। शरीर रिलेक्स होता है और नींद बहुत अच्छी आती है।
मटके का पानी पिएं
शरीर की गर्मी को दूर करने का बेहतरीन माध्यम है मिट्टी के घड़े का पानी पीना। यह ज्यादा प्यास ज्यादा लगने या पसीना ज्यादा आने की समस्या को दूर करने में सहायक है। मिट्टी ऐसी चीज है नेचुरली शरीर के लिए ठंडी होती है, साथ ही इसमें मिनरल्स बहुत होते हैं। फ्रिज का पानी भले ही ठंडा लगे लेकिन बर्फ पेट में गर्मी को बढ़ाती है। जबकि मिट्टी के घड़े का नेचुरली ठंडा पानी प्यास तो बुझाता ही है, गला खराब नहीं करता। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि मटके का पानी नाॅर्मल पानी से ज्यादा एल्कलाइन होता है और मिट्टी के संपर्क में आने पर पानी में मिनरल्स की क्वांटिटी बढ़ जाती है। घड़े का पानी गैस्ट्राइटिस एसिडिटी, सन स्ट्रोक के लिए मेडिसिन का काम करता है। आजकल बाजार में मिट्टी की बोतल और गिलास भी आसानी से उपलब्ध हैं। मिट्टी के बर्तन में रखा पानी पीने से शरीर से गर्मी खुद-ब-खुद कम हो जाती है।