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इस दशहरा अपने अंदर छिपी इन दस बुराइयों से छुटकारा पायें: Dussehra 2023

06:30 AM Oct 24, 2023 IST | Divya Agarwal
इस दशहरा अपने अंदर छिपी इन  दस बुराइयों से छुटकारा पायें  dussehra 2023
Ten Evils to Kill this Dusshera
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Dussehra 2023: दशहरा जिसे हिंदू धर्म में विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है , लंकापति रावण पर विष्णु के अवतार भगवान राम की विजय का प्रतीक है जिसने राम की पत्नी सीता मां का अपहरण कर लिया था I इस दिन दस सिर वाले रावण पर भगवान राम की जीत यानि कि बुराई पर अच्छाई की जीत का जशन मनाया जाता है I बुराई सिर्फ बाहरी दुनिया तक ही सीमित नहीं है पर यहां हम बात कर रहे हैं अपने अंदर छिपी बुराइयों की जिससे हम भी उनसे होने वाले नकारात्मक परिणामों से बच सकें l इस दशहरा क्यों ना हम अपने अंदर बैठे राक्षसों पर ध्यान केंद्रित करें, जिनसे हमें हर दिन लड़ना पड़ता है l यह राक्षस कोई और नहीं पर हमारी ही कुछ बुरी आदतें हैं l क्यों ना हम सब मिलकर अपने अंदर छुपी 10 बुरी आदतों से छुटकारा पाने का संकल्प लें l

दस आदते जो करती हैं मनुष्य को हैरान और परेशान

dussehra 2023
Ten Evils to Kill this Dusshera

1 . अहंकार (Ego) मनुष्य के अंदर छिपा ऐसा अज्ञान है जिसमें वह अपने आप को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और सर्वोच्च मानता है I यह मन की ऐसी स्तिथि है जिसमें मनुष्य को अपनी गलत बात भी समझ में नहीं आती है और दूसरे की सही बात भी उसे अच्छी नहीं लगती l किसी ने क्या खूब कहा है रावण को राम ने नहीं बल्कि रावण को उसकी ‘ मैं ‘ ने मारा है l

2. क्रोध (Anger) क्रोध इंसान का सबसे बड़ा शत्रु है I यह मनुष्य के अंदर छिपा एक ऐसा अवगुण है जिसे सबसे ज्यादा हानि उसी को होती है जो क्रोध करता है l यह मनुष्य का कोई भी काम बिगाड़ सकता है l जो लोग अपने इस इमोशन पर काबू नहीं पा पाते और गलत निर्णय ले लेते हैं उन्हें जिंदगी पर पछताना पड़ता है l

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3. लोभ (Greed) लालच बुरी बला है l यह मनुष्य के भीतर बैठा एक ऐसा राक्षस है जो उसके सुख और संतुष्टि को नष्ट कर देता है l यह तनाव, थकावट, चिंता और डिप्रेशन का कारण बनता है l

4. ईर्ष्या (Jealousy) यह मनुष्य के पतन का मुख्य कारण है I दूसरों के साथ ईर्ष्या रखने से द्वेष पनपता है और इंसान को कभी भी मानसिक शांति का अनुभव नहीं हो पाता l अगर आपको भी किसी चीज की चाह है तो उसे मेहनत करके हासिल करने का प्रयास करो पर किसी से भी ईर्ष्या मत करो l

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5. घृणा (Hatred) यह एक नकारात्मक प्रतिक्रिया है जिसे केवल रिश्ते टूटते हैं और दूरियां बढ़ जाती हैं l किसी के प्रति आपके अंदर पलटी नफरत आपके ही खिलाफ काम करती है l
आवेग कुछ भी करने से पहले उसके परिणाम के विषय में अवश्य सोचना चाहिए l आवेग के साथ दिए हुए काम के परिणाम कभी भी अच्छे नहीं होते हैं l

6. आलस (Indolence) आलस एक ऐसी बुरी आदत है जिसकी वजह से अच्छे अवसर भी हाथ से निकल जाते हैं l आलसी मनुष्य अपने हर काम को कल पर टालता रहता है जिसके कारण वह जीवन में असफल हो जाता है l

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7. मोह (Attachment) मनुष्य के अंदर पलता मोह उसके दुख का मूल कारण होता है l मोह से अपेक्षाओं का जन्म होता है l जितना अधिक मोह, उतना ही बंधन और उतनी ही मानसिक अशांति यह हम सभी अनुभव करते हैं पर फिर भी इसके गुलाम बनकर ही जीते हैं l इस विजयदशमी क्यों ना इस पर विजय प्राप्त करें l

8. अन्याय (Injustice) अन्याय करना और अन्याय सहना दोनों ही गलत है l हक दो और हक लो माना ना किसी का हक मारो ना किसी को अपना हक दो l सबकी भलाई में जीना ही मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म है l

9. छल कपट (Cheating) दूसरों का धन पाने की इच्छा रखना और उसके लिए छल कपट करना या किसी के जीवन में बाधाएं उत्पन्न करना पाप है l दूसरों के मान सम्मान को नुकसान पहुंचाने की नीयत से झूठ बोलना और षड्यंत्र रचना मनुष्यता नहीं है l अगर हमारे अंदर यह विकार है तो हमें इस पर अवश्य विजय प्राप्त करनी चाहिए l

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10. इच्छा और कामना (Desires and Expectations) इच्छाओं और कामनाओं का कोई अंत नहीं होता l एक इच्छा पूरी होती है तो दूसरी का जन्म हो जाता है और इंसान हमेशा असंतुष्ट ही रहता है l किसी से भी अपेक्षा रखना भी इच्छा का ही एक रूप है l

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