गणेश चतुर्थी उत्सव, क्या है इसका महत्व: Ganesh Chaturthi Importance
Ganesh Chaturthi Importance: गणेश चतुर्थी जिसे विनायक चतुर्थी या फिर गणेश उत्सव के नाम से भी जाना जाता है हिंदुओं का एक प्रमुख और सबसे खूबसूरत उत्सवों में से एक है l यह मुख्य रूप से महाराष्ट्र में मनाया जाता रहा है l लेकिन समय के साथ-साथ यह है, साउथ-इंडिया, गुजरात, उत्तर प्रदेश आदि भारत के सभी कोनों में भव्य रूप से मनाया जाने लगा I
क्यों और कैसे मनाया जाता है यह त्यौहार

माना जाता है कि भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था और इसी उपलक्ष्य में हर साल यह उत्सव मनाया जाता है l इस 10 दिवसीय त्यौहार में लोग अपने घरों को सजाते हैं, भगवान गणेश का पूजन करते हैं, और हर दिन उनके मनपसंद भोग बनाकर उसका प्रसाद लगाते हैं l कहते हैं भगवान गणेश को मोदक बहुत पसंद हैं इसलिए इन दिनों में हर घर में विभिन्न तरह के मोदक बनाए जाते हैं l
गणेश चतुर्थी मनाने की शुरुआत कैसे हुई

यों तो यह किसी को भी नहीं पता कि गणेश उत्सव पहली बार कब और कहां मनाया गया था पर ऐसा माना जाता है कि मराठा के राजा छत्रपति शिवाजी ने महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी मनाने की शुरुआत की थी l शुरुआत में यह त्यौहार घरों में निजी तौर पर मनाया जाता था पर वही इसे सार्वजनिक उत्सव के रूप में मनाने की शुरुआत बाल गंगाधर तिलक ने वर्ष में 1893 में पुणे में की l
इस उत्सव को भव्य अवसर में बदलने का श्रेय उन्हें ही जाता है उन्होंने गणेश चतुर्थी को एक 10 दिवसीय राष्ट्रीय त्योहार के रूप में लोकप्रिय बनाया l लोकमान्य तिलक सार्वजनिक स्थान पर भगवान गणेश की एक बड़ी मिट्टी की मूर्ति स्थापित करने वाले पहले व्यक्ति थे l 1905 तक यह पूरे देश में फैल चुका था l इन दिनों हजारों सार्वजनिक पंडाल लाखों रुपए में बनाए जाते हैं और यह उत्सव एक भव्य वार्षिक कार्यक्रम के रूप में विकसित हुआ है l
भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन

इस उत्सव के दसवें यानी आखिरी दिन गणेश भगवान का विसर्जन किया जाता है और यह दिन अनंत चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है l त्योहार के पहले दिन लोग गणेश जी की प्रतिमा अपने घरों ,ऑफिस और पब्लिक प्लेस पर स्थापित करते हैं और आखिरी दिन अपने प्यारे गणपति बप्पा को नदी या समुद्र में विसर्जित करके विदा करते हैं l
गणेश विसर्जन का महत्व

जहां भगवान गणेश को मंगल मूर्ति यानि सभी शुभ कार्यों के देव (lord of new beginnings) माना जाता है वहीं उन्हें विघ्नहर्ता यानि कि सभी बाधाओं को हरने वाले (Remover of obstacles) के नाम से भी संबोधित किया जाता है l ऐसा माना जाता है कि जब दसवें दिन गणेश जी को विसर्जन के लिए ले जाया जाता है वह अपने साथ हमारे घर की सारी बाधाएं भी ले जाते हैं l
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गणेश विसर्जन से भगवान गणेश की एक और इंटरेस्टिंग कहानी जुड़ी है l ऐसा माना जाता है कि इस त्यौहार के आखिरी दिन गणपति बाबा अपने माता-पिता भगवान शिव और माता पार्वती से मिलने के लिए कैलाश पर्वत पर लौट जाते हैं l