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मैं बहुत फोटो खिंचवाती हूं-गृहलक्ष्मी की कविता

01:00 PM Mar 16, 2023 IST | Sapna Jha
Mein Bahut Photo Khichvati Hun
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Hindi Kavita: हां मैं बहुत फोटो खिंचवाती हूं
क्योंकि बीता वक्त लौटकर नहीं आता!

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तुम्हें क्या पता वह केवल तस्वीर नहीं होती उस तस्वीर में होती है
तुम्हारी, मेरी, बच्चों की प्यारी-प्यारी मुस्कुराहट

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उस तस्वीर में होती है मेरे बच्चों का बचपन, उनका नटखटपन, उनकी शरारते मैं सब कुछ इन कैमरों में कैद कर लेना चाहती हूं!
मैं तस्वीरों के जरिए जिंदगी के हर एक लम्हे को जीना चाहती हूं
हां मैं बहुत फोटो खिंचवाती हूं

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कभी-कभी इन तस्वीरों में मां पापा का आशीर्वाद भी मिल जाता है!
क्या थे हम पहले और अब क्या हो गए हैं इसका भी पता चल जाता है!
अगर तस्वीरें ना हो तो बीता वक्त कौन लौटाए?
कैसे दिखते थे हम बचपन में यह हमें कौन बताएं?

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तस्वीरें बिना बोले ही बहुत कुछ बयां करती हैं
शादी ब्याह या कोई त्यौहार
रक्षाबंधन में भाई बहन का प्यार
यह सब कुछ जिंदा रखती हैं!
आप भी समय-समय पर फोटो खिंचवाते रहिए!
चाहे उम्र का कोई भी दौर हो सदा मुस्कुराते रहिए!

एक राज की बात मैं आपको बताती हूं
मैं इसलिए ज्यादा मुस्कुरा पाती हूं !
क्योंकि मैं बहुत फोटो खिंचवाती हूं
हां मैं बहुत फोटो खिंचवाती हूं!

यह भी देखे-पूर्ण समर्पण न कि समझौता-गृहलक्ष्मी की कहानियां 

Tags :
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