कुंवारी कन्याएं अगर पहली बार कर रही हैं महाशिवरात्रि का व्रत तो जानिए कैसे करें उपवास की शुरुआत: Mahashivratri Puja Vidhi
Mahashivratri Puja Vidhi: महाशिवरात्री 2024 बस आने ही वाली है। भोलेनाथ को समर्पित यह शुभ दिन बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। जैसे ही महाशिवरात्रि त्योहार आता है, लोग भोलेनाथ की पूजा करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए तैयार हो जाते हैं। इस दिन सभी लोग भगवान शिव को के लिए व्रत का पालन करेंगे और फिर उनकी पूजा विधि विधान के साथ की जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन रात में पूजा का विशेष महत्व होता हैं। इस दिन रात के चार पहर शिव जी का अभिषेक किया जाता है। ताकि उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त हो सके। महाशिवरात्रि का त्यौहार भारत में काफी उमंग और उत्साह के साथ मनाया जाता हैं। इस दिन कुंवारी लड़कियां महाशिवरात्रि का व्रत रखती है, ताकि उनको योग्य पति की प्राप्ति हो। ऐसे में अगर आप भी पहली बार महाशिवरात्रि का व्रत रखने वाली है, तो आज हम पूजा विधि के बारे में बताने वाले है।
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- अगर आप महाशिवरात्रि का व्रत रख रही हैं, तो इसके लिए सुबह-सवेरे जल्दी उठना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन नहाने के पानी में तिल मिलाने से पानी शुद्ध हो जाता है और इस पानी से स्नान करने से न सिर्फ केवल शरीर बल्कि आत्मा भी शुद्ध होती है। ऐसे में अगर संभव हो तो आप गंगा स्नान भी कर सकती हैं।
- इसके साथ ही स्नान करते समय पूरे दिन व्रत रखने की शपथ लेनी चाहिए और अगले दिन महाशिवरात्रि के दिन ही व्रत खोलना चाहिए। भक्तों को व्रत के दौरान किसी भी रूप में भोजन करने से बचना चाहिए। आप चाहें तो व्रत के दौरान फल और दूध ले सकते हैं।
- कुंवारी कन्याएं अगर इस दिन व्रत रख रही हैं, तो वह हरे रंग का वस्त्र पहन सकती हैं। अगर आपके पास हरा रंग नहीं है तो आप नारंगी या सफेद रंग के कपड़ों का भी चयन कर सकती हैं।
- फिर आप मंदिर जाकर शिवजी की पूजा कर लें। अगर आप मंदिर नहीं जा पा रही हैं, तो अपने घर में ही पार्थिव शिवलिंग बना लें। गुलाब जल, दही, घी, दूध, शहद, चीनी, पानी और चंदन से शिवलिंग की पूजा करें। अगर आप चार प्रहर की पूजा करते हैं, तो पहले प्रहर में जल से अभिषेक, दूसरे प्रहर में दही से अभिषेक, तीसरे प्रहर में घी से अभिषेक और चौथे प्रहर में शहद से अभिषेक कर लें।
- अभिषेक अनुष्ठान करने के बाद, शिव लिंग को बेल पत्रों की माला से अच्छी तरह से सजा दें। कहा जाता है कि ये उन्हें काफी प्रिय है। इसके बाद शिवलिंग की चंदन लगाया जाता है और धूप जलाई जाती है। फिर मदार के फूल, भस्म भी शिवलिंग पर अर्पित की जाती हैं।
- कुंवारी कन्याएं पूजा के दौरान “ओम नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते रहें और अपने लिए अच्छे वर का वरदान मांग लें। पूजा समाप्ति के बाद आप चाहें तो शिव पुराण भी पढ़ सकती हैं। लेकिन ध्यान रहे कि शिवरात्रि के अगले दिन चतुर्दशी तिथि समाप्त होने से पहले स्नान करने के बाद ही व्रत तोड़ना चाहिए।