अगर आप भी अपने बच्चे को देते हैं एनर्जेटिक पाउडर या सप्लीमेंट्स तो हो जाएं सावधान: Harms of Supplements
Harms of Supplements: छोटे बच्चे अक्सर दूध पीने में नखरे करते हैं, ऐसे में मां उन्हें विभिन्न प्रकार के फ्लेवर्ड एनर्जेटिक पाउडर या सप्लीमेंट्स मिलाकर दूध देती हैं। जिसके बाद बच्चे दूध को बड़े चाव से पीते हैं। इन सप्लीमेंट्स को टेस्ट बढ़ाने के लिए ही नहीं, अक्सर बच्चे के अच्छे शारीरिक-मानसिक विकास और हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक माना जाता है। और पेरेंट्स भी तथाकथित कंपनियों के भ्रामक विज्ञापनों के भुलावे में आकर ये चीज़ें बड़े शौक से देते हैं। खासकर माताओं में एक अलग क्रेज होता है और सुबह-शाम बच्चों को पिलाती हैं। वे चाहती हैं कि उनका बच्चा जब तक बड़ा न हो जाए, इनका सेवन जरूर करे।
लेकिन हाल ही में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण यानी एफएसएसएआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक बच्चे के स्वास्थ्य के लिहाज से ये सप्लीमेंट्स अनहेल्दी होते हैं। सरकार ने इन्हें हेल्दी ड्रिंक की कैटेगरी से हटाने और हेल्थ ड्रिंक के नाम पर न बेचने का निर्देश दिया है। इन प्रोडक्ट्स के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने भी एडवाइजरी भी जारी की है। उन्होंने सभी ई-काॅमर्स वेबसाइटों को अपने प्लेटफाॅर्म पर इनमें से कुछ एनर्जेटिक पाउडर और सप्लीमेंट्स को हेल्दी कैटेगरी से हटाने के लिए कहा है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग यानी एनसीपीआर ने इसकी जांच की। जिसमें पाया गया है कि ये एफएसएसएआई और माॅन्डलेस इंडिया फूड कंपनी के मानकों पर खरे नहीं उतरते।
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क्यो हैं नुकसानदायक
असल में एनर्जेटिक पाउडर और सप्लीमेंट्स लंबे प्रोसेस से तैयार किए जाते हैं। इनके अंदर मौजूद पोषक तत्व लाइट, कलर और हीट सेंसेटिव होते हैं जिससे इनकी निर्माण प्रक्रिया में इन तत्वों का असर खत्म हो जाता है। इसमें जिस माल्ट एक्सट्रैक्ट का इस्तेमाल किया जाता है, उसकी शेल्फ लाइफ 15-20 दिन से ज्यादा नहीं होती। स्पाइरूलिना जिसे हेल्दी बताकर इनमें मिलाया जाता है, वो सेेहत के लिए बहुत खतरनाक है। स्पाइरूलिना एक तरह की काई है। हालांकि यह हेल्दी होती है लेकिन पाउडर बनाते समय की जाने वाली प्रासेसिंग और प्रीजर्वेटिव्स से इसके पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। इसके अलावा पैकेजिंग खुलने के बाद ये ऑक्सीजन और नम हवा के संपर्क में आकर सेहत के लिए हानिकारक हो जाते हैं।
क्या होता है सेहत पर असर
हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक हेल्दी बता कर बाजार में बेचे जाने वाले एनर्जेटिक पाउडर और सप्लीमेंट्स बच्चों की गट हेल्थ खराब कर रहे हैं। इनसे बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है और उनमें मोटापा, डायबिटीज, हाइपरटेेंशन, शारीरिक-मानसिक विकास में बाधा, फैटी लिवर, फ्लेवर एडिक्शन का खतरा बढ़ जाता है। ये पाउडर और सप्लीमेंट्स बच्चों को पसंद आएं, इसके लिए उनमें एडिड रिफाइंड शूगर का बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। यह शूगर रक्त में बहुत जल्द अवशोषित हो जाती है। बच्चे का मेटाबाॅलिक सिस्टम गड़बड़ा जाता है, इंसुलिन रजिस्टेंस हो जाता है और ब्लड शूगर लेवल बढ़ जाता है। जिससे बच्चे को टाइप 2 डायबिटीज का खतरा रहता है।
एनर्जेटिक पाउडर और सप्लीमेंट्स को टेस्टी बनाने के लिए इसमें कोकोआ पाउडर और आर्टिफिशियल फ्लेवर्स भी मिलाए जाते हैं। ये बच्चे बच्चे के शरीर में हैप्पी हार्मोन्स रिलीज करने में मदद करते हैं। इनकी वजह से दूध का स्वाद बढ़ जाता है और बच्चे इन्हें बार-बार पीना पसंद करते हैं। नतीजतन दूध के अत्यधिक सेवन से उनकी भूख कम हो जाती है और भोजन अवायड करने लगते हैं। भोजन से प्राप्त होने वाले पोषक तत्वों की कमी हो जाती है जिसकी वजह से उनमें कई तरह की समस्याओं होने की आशंका रहती है।
बनाएं घर पर हेल्दी प्रोटीन पाउडर
अगर आप भी अपने बच्चे के स्वास्थ्य के प्रति सचेत हैं तो बाजार में मिलने वाले एनर्जेटिक पाउडर और सप्लीमेंट्स के इस्तेमाल से बचें। इनके बजाय आप घर पर आसानी से हेल्दी प्रोटीन पाउडर बना सकते हैं जो टेस्टी होने के साथ हेल्दी भी होगा। इसके लिए कद्दू के बीज, बादाम, सौंफ, काजू, इलायची, मखाना, मूंगफली बराबर मात्रा में लें और हल्का सा रोस्ट करके पीस लें। इसमें एक-दो चम्मच चाॅकलेट पाउडर मिला सकते हैं।