मेनोपॉज के बाद महसूस होता हैं चिड़चिड़ापन, तो इन तरीकों से करें कंट्रोल: Irritability In Menopause
Irritability In Menopause: मेनोपॉज एक महिला के जीवन का ऐसा वक्त होता है, जब उसके शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को मूड स्विंग, नींद ना आना, चिड़चिड़ापन जैसी परेशानियां होने लगती है। इन्हें नजरअंदाज करना एक महिला की सेहत के लिए ठीक नहीं होता। कई बार इसकी वजह से बहुत सी परेशानियां बढ़ने लगती हैं। मेनोपॉज में बहुत सी महिलाएं डिप्रेशन का भी शिकार हो जाती हैं।
अगर आपको नहीं पता की मेनोपॉज क्या है, तो आपको बता दें कि मेनोपॉज ऐसी कंडीशन है, जब एक महिला के पीरियड्स पूरी तरह से बंद हो जाते हैं। मेनोपॉज के स्टेज पर पहुंचने से पहले महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं। मेनोपॉज शुरू होने से पहले महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का उत्पादन धीरे-धीरे बंद हो जाता है।
यह भी देखें-नाइट डेट के लिए जरूर ट्राई करें ये ट्रेंडी मेकअप लुक्स, लगेंगी अप्सरा: Night Makeup Looks
शरीर में हार्मोन चेंजेस के चलते न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक समस्याएं भी बढ़ती हैं। यही वजह है कि इस कंडीशन में आते-आते महिलाएं चिड़चिड़ी और गुस्सैल हो जाती हैं। ऐसे में आपको बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है।
अपने लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके आप इस समस्या को कंट्रोल कर सकते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए बताएंगे की मेनोपॉज में चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग की समस्या को आप कैसे कंट्रोल कर सकती हैं। आइए जानें इस बारे में विस्तार से।
हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी आएगी काम
मेनोपॉज में एक महिला के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन कम होने लगते हैं। इसकी वजह से बॉडी में भी कई तरह के बदलाव होने लगते हैं। ऐसे तो मेनोपॉज में ये समस्या काफी कॉमन है, लेकिन अगर ये हद से ज्यादा हो जाए, तो ऐसे में आप हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी की मदद ले सकते हैं। इस थेरेपी में दवाईयों के जरिए शरीर की हार्मोनल जरूरतों को पूरा किया जाता है। मेनोपॉज के दौरान महिला के शरीर में हार्मोन्स की जो कमी होती है, उसे इस थेरेपी के जरिए पूरा किया जाता है।
बैलेंस डाइट है बहुत जरूरी
मेनोपॉज का वक्त करीब आने पर महिलाओं को हेल्दी डाइट पर फोकस करना चाहिए। ऐसे में आपको पोषण से भरपूर चीजों का ही सेवन करना चाहिए। अक्सर मेनोपॉज में कई महिलाओं को वजन अचानक बढ़ने लगता है, ऐसे में सही डाइट लेना आपके लिए जरूरी हो जाता है। ऐसे वक्त में आपको एस्ट्रोजन रिच फूड्स का सेवन करना चाहिए। इससे शरीर में इसकी कमी को पूरा किया जा सकता है।
रेगुलर एक्सरसाइज और मेडिटेशन
बॉडी को फिट और हेल्दी रखने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज और मेडिटेशन बहुत ही जरूरी हैं। ऐसे में मेनोपॉज के दौरान होने वाले चिड़चिड़ेपन को गुस्से को कम करने के लिए आपको रोजाना एक्सरसाइज और मेडिटेशन करना चाहिए। इससे आपका दिमाग शांत होता है।
सही नींद लेना भी है जरूरी
मेनोपॉज के दौरान कई महिलाओं की नींद में कमी आ जाती है। ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए रात को सोने से पहले कुछ हेल्दी ड्रिंक्स का सेवन करें। इससे आप अच्छी नींद ले सकेंगी। नींद की कमी भी चिड़चिड़ापन बढ़ने का कारण है। रोजाना कम से कम 8 घंटे की नींद लें।