दौलत आई मौत लाई भाग-13
जौनी सैंट क्रिस्टोफर वाला मैडल हाथ में लिए – खुली खिड़की से बाहर का दृश्य देख रहा था। जंगल में चारों ओर चांदनी फैली हुई थी। दूसरे बैडरूम में सोए फ्रीमैन के खर्राटों की धीमी-धीमी आवाज उसे सुनाई पड़ रही थी।
उसने मैडल को चूमा और सोचा – आखिर यह उसके पास लौट तो आया, किन्तु कितनी भारी कीमत चुकाने के बाद। वह इसकी खोज में पागल हो रहा था और यह उसके पागलपन का आनन्द लेते हुए मजाक उड़ाने में व्यस्त था! मैडल की समस्या अचानक न उठ खड़ी होती तो वह अभी तक भी मसीनो की नौकरी में होता और चोरी चली गई रकम की तलाश कराने में स्वयं भी उसकी मदद कर रहा होता, परन्तु वह आतंकित हो गया था – कहीं यह एन्डी के ऑफिस में न गिर गया हो और फलस्वरूप वह जान बचाता फिर रहा था। मन ही मन कोसते हुए उसका जी चाहा कि मैडल को खुली खिड़की से बाहर फेंक दे परन्तु अत्यधिक अंधविश्वास के कारण ऐसा नहीं कर सका। उसके कानों में मां के शब्द गूंजने लगे – जब तक यह तुम्हारे पास मौजूद रहेगा, दुनिया की कोई विपत्ति तुम्हारा कुछ न बिगाड़ सकेगी।
खैर कुछ भी हो, अब क्योंकि मैडल पुनः उसके पास लौट आया था, अतः संभव है माफिया संगठन उसे खोज ही न पाये। मुमकिन है वह अपने सपने साकार करने में कामयाब हो जाये।
मैडल को चेन में डालकर उसने मजबूती से हुक बंद कर दिया – परन्तु शांतिपूर्वक लेटे रहने के बावजूद भी मैडल के स्पर्श से उसे राहत महसूस नहीं हुई। सारी रात बेचैनी से करवटें बदलते गुजर गई थी, दिन निकलने के बाद ही वह सो सका था।
ठीक उसी समय जबकि वह बेखुदी की नींद में समाया हुआ था, ट्रक के दुर्घटनास्थल पर दो कारें आकर रुकीं। उनमें मसीनो के गिरोह के आदमी भी मौजूद थे।
इस अभियान का मुखिया ल्यू बैरोली था।
सूर्य काफी चढ़ चुका था। पेड़ों की शाखों से छनती रोशनी में बैरोली ने घनघोर जंगल को देखकर बुरा-सा मुंह बनाया। वह अब इस मुहिम की कठिनाइयों को महसूस कर रहा था। अगर जौनी इस बीहड़ जंगल में छुपा हो तो खून-खराबा होना यकीनन था और जौनी जैसे अचूक निशानेबाज का सामना करने का साहस बैरोली में हर्गिज नहीं था, मगर अब कुछ नहीं हो सकता था। स्थिति का मुकाबला करने के लिए वह मजबूर था। आठ आदमी उसके आदेश की प्रतीक्षा में खड़े थे – जो मसीनो द्वारा चुने गये बेहद खतरनाक आदमी थे।
‘यही है वह जगह।’ अपने स्वर को गंभीर और विश्वस्त बनाते हुए बैरोली ने कहना आरंभ किया – ‘हम लोग अलग-अलग ग्रुप बनाकर विभिन्न दिशाओं में चलेंगे। तुममें से तीन दायीं ओर जाएंगे और तीन बायीं ओर। फ्रैडी और जैक मेरे साथ नीचे के रास्ते से चलेंगे। ध्यान रखना- वह यहीं-कहीं छुपा हो सकता है। अतः फुुर्ती से काम लेना होगा।’
जैक और फ्रैडी दोनों माफिया गुट के आदमी थे। न्यूयार्क में पुलिस इनके पीछे पड़ी हुई थी – अतः ये दोनों उससे बचने की खातिर मसीनो के पास पहुंच गये थे – ताकि कुछ समय निकल जाए। दोनों अत्यंत क्रूर और हिंसक प्रवृत्ति के अपराधी थे।
अलग-अलग गुटों में बंटकर वे गहन जंगल में घुस गये। जले हुए ट्रक के अवशेषों के पास पहुंचकर बैरोली रुका।
‘सब कुछ जलकर राख हो गया।’ जंगल की ओर जाने वाली पगडंडियों की ओर देखता हुआ वह बोला – ‘जैक तुम आगे चलो – मैं बीच में रहूंगा और फ्रैडी मेरे पीछे। सतर्कता बरतने की जरूरत है। वह इन्हीं झाड़ियों में छुपा हो सकता है।
जौनी के आतंक के कारण बैरोली आगे या पीछे चलने का साहस नहीं कर पा रहा था – इसीलिए उसने फ्रैडी तथा जैक के बीच में रहने की बात कही थी।
दौलत आई मौत लाई भाग-14 दिनांक 01 Mar.2022 समय 08:00 बजे रात प्रकाशित होगा