कुंवारी लड़कियों के लिए क्यों खास है करवा चौथ? जानिये व्रत से जुड़ी खास बातें: Karwa Chauth Vrat for Girls
Karwa Chauth Vrat for Girls: सनातन धर्म में करवा चौथ के व्रत का बड़ा महत्व बताया गया है। हर वर्ष कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। स्त्रियों के लिए करवा चौथ का व्रत सबसे अधिक महत्व रखता है। इस दिन विवाहित महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं और अपने सुहाग की लंबी आयु की कामना करती हैं। इस व्रत को कुंवारी लड़कियां भी रखती हैं, ताकि उनकी मनचाहे वर की कामना की पूर्ति हो सके। इस दिन भगवान शिव व माता पार्वती की आराधना की जाती है। करवा चौथ पर महिलाएं रात्रि में चंद्रमा देखने के बाद छलनी से पति का चेहरा देखकर व्रत का पारण करती हैं। पंडित दिनेश जोशी के अनुसार, करवा चौथ का पर्व विवाहित जोड़ों के प्रेम, त्याग व समर्पण का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि इस व्रत के फल में महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और उनका वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है। तो चलिए जानते हैं इस साल करवा चौथ का व्रत कब है और इससे जुड़ी जरूरी बातें।
कब है करवा चौथ व्रत 2023?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतु र्थी तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर 2023, रात्रि 9 बजकर 30 मिनट पर होगी, जिसका समापन अगले दिन 1 नवंबर 2023, बुधवार को रात्रि 9 बजकर 19 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि और चंद्रोदय के अनुसार, करवा चौथ का पवर्? 1 नवंबर 2023, बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा करनी है और व्रत रखना है। इस दिन 13 घंटे 42 मिनट तक व्रत धारण करना होगा। इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 36 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। इस दिन दो शुभ संयोग भी बन रहे हैं। करवा चौथ पर सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 6 बजकर 33 मिनट से 2 नवंबर सुबह 4 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। वहीं, एक नवंबर को दोपहर 2 बजकर 7 मिनट से शिवयोग रहेगा।
कुंवारी लड़कियों के लिए क्यों खास है करवा चौथ?
ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, यूं तो करवा चौथ का व्रत सुहानिग महिलाओं द्वारा रखने का विधान है। लेकिन, कुंवारी लड़कियां भी यह व्रत रख सकती हैं। अविवाहित लड़कियों अपने मंगेतर के लिए करवा चौथ का व्रत रख सकती हैं या फिर मनचाहे वर की कामना के साथ व्रत रख सकती हैं। इसे अलावा करवा चौथ पर भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, कार्तिकेय की पूजा की जाती है। कुंवारी लड़कियों को करवा चौथ पर केवल कथा सुननी चाहिए और पूजा करनी चाहिए। चंद्रमा की बजाय कुंवारी लड़कियों को तारों को अर्घ्य देकर व्रत का पारण कर सकती हैं। क्योंकि, चंद्रमा को अर्घ्य केवल सुहागिन महिलाएं ही दे सकती हैं।
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