मई महीने में कब है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, जानें पूजा विधि, व्रत के नियम और महत्व: Masik Krishna Janmashtami 2023
Masik Krishna Janmashtami 2023: हिंदू पंचांग में हर महीने देवी देवताओं को समर्पित विभिन्न व्रत, त्योहार व उत्सव आते हैं। प्रत्येक त्योहार को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसी तरह हर माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है, जिसे मासिक कृष्ण जन्माष्टमी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लिया था। ज्योतिष शास्त्रों में मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व बताया गया है। पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखने से उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। खासकर निसंतान महिलाओं के लिए कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत बेहद ही फलदायी होता है। इससे उनकी संतान प्राप्ति की कामना पूर्ण होती है। तो चलिए जानते हैं इस बार मासिक कृष्ण जन्माष्टमी कब है और पूजा विधि और महत्व।
कब है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी 2023
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 12 मई 2023, शुक्रवार को सुबह 9 बजकर 6 मिनट पर प्रारंभ होगी और अगले दिन 13 मई 2023, शनिवार सुबह 6 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, ज्येष्ठ माह में कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 12 मई 2023, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इसी दिन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन पूजा के लिए अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 49 मिनट, ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 3 मिनट तक रहेगा।
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण ने कंस के कारागार में देवकी के गर्भ से अवतार लिया था। इसके बाद वसुदेव श्रीकृष्ण को लेकर उफनती यमुना से नंद गांव पहुंचे। तब से इस दिन मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की विधिवत पूजा अर्चना करने से सुख—समृद्धि व सौभाग्य की प्राप्ति होती है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है। वहीं, इस दिन बाल गोपाल की उपासना से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा करने से जातक को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद पूजा की चौकी तैयार करें। इस पर भगवान श्रीकृष्ण व राधा की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान की प्रतिमा के सामने धूप बत्ती और दीया जलाएं। श्रीकृष्ण की विधि विधान से पूजा-अर्चना करें। बाल गोपाल को माखन-मिश्री व मेवा का भोग लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि का वास होता है। वहीं, इस दिन कृष्ण जन्माष्टमी व्रत का संकल्प लें। आरती के साथ पूजा संपन्न करें और भगवान श्रीकृष्ण से सुख—समृद्धि की कामना करें।
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