प्रेगनेंसी में अपने और बच्चे की सुरक्षा के लिए जरूर लगवाएं ये टीके: Maternal Vaccination
Maternal Vaccination: माँ बनना हर महिला के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपना बहुत ध्यान रखना होता है। थोड़ी सी लापरवाही भी आपके और आपके बच्चे के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। इस दौरान इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है जिससे कोई भी इंफेक्शन हो सकता है। इन सब परेशानियों से बचने के लिए आपको समय-समय पर कुछ टीके लगवाने जरूरी हैं।
इन वैक्सीन से मां और शिशु दोनों की ही रक्षा हो जाती है। टीका लगने से मां और गर्भस्थ शिशु का शरीर एंटीबॉडी बना लेता है जो बीमारियों से लड़ने का काम करता है। गर्भावस्था में टीकाकरण कई बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। जानते हैं प्रेगनेंसी के दौरान आपको कौन से ख़ास टीके लगवाने चाहिए।
टिटनेस का टीका
प्रेगन्नेसी के दौरान टिटनेस का इंजेक्शन लेना अनिवार्य होता है, क्योंकि ये आपको और बच्चे को क्लोस्ट्रीडियम टेटानी नाम के बैक्टीरिया से होने वाले इंफेक्शन के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। प्रेगनेंसी में टीटी और टीडी दो तरह के टीके लगवाए जाते हैं। प्रेगनेंसी के शुरूआती स्टेज में टीटी-1 टीका लगाया जाता है, इसके चार सप्ताह बाद टीटी-2 डोज़ लगाया जाता है और अगर अगले तीन साल के अंदर गर्भवती महिला फिर से गर्भवती होती है तो उसे फिर से बूस्टर शॉट लगाया जाता है। टिटेनस एक खतरनाक बीमारी है जिससे बच्चे में जकड़न और मांसपेशियों में ऐंठन हो जाती है।
इन्फ्लूएंजा का टीका

प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को तरह-तरह के वायरल इंफेक्शन और बुखार होने का खतरा होता है। प्रेगन्नेसी के दो सप्ताह के बाद फ्लू से हार्ट, इम्यूनिटी, फेफड़े प्रभावित हो सकते हैं। साथ ही फ्लू का रिस्क भी रहता है। इस तरह की किसी भी बीमारी से बचाव के लिए इन्फ्लूएंजा का टीका लगवा लेना चाहिए। टीका लेने से होने वाले बच्चे का भी इन्फ्लूएंजा से बचाव हो जाता है। इस वैक्सीन के लगने से बच्चे की भी सुरक्षा हो जाती है। 6 महीने की आयु तक के बच्चों को इंफ्लुएंजा बीमारी से बचाने में यह टीका 63 प्रतिशत कामियाब हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान ये टीका कभी भी ले सकते हैं।
हेपेटाइटिस-बी वैक्सीन

गर्भावस्था के दौरान लगवाए जाने वाले महत्वपूर्ण टीकों में से हेपेटाइटिस-बी का टीका भी एक है। इस वैक्सीन को लगवाने से गर्भवती महिला को लिवर की बीमारियों से बचाव में मदद मिलती है। अगर गर्भावस्था के दौरान हेपेटाइटिस-बी संक्रमण है, तो यह जन्म के बाद शिशु को भी हो सकता है। हेपेटाइटिस-बी बच्चे के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार यह टीका कभी भी लगवा लें।
टीडैप वैक्सीन

प्रेगनेंसी के दौरान 27 से 36 हफ्ते के बीच में टीडैप (टिटेनस, डिप्थेरिआ, पर्टुसिस) टीकाकरण लगवाया जा सकता है। निमोनिया, दिमाग में सूजन जैसी गंभीर समस्याओं का कारण काली खांसी यानी व्हूपिंग कफ हो सकता है और इससे बचने के लिए प्रेगनेंसी के तीसरे ट्राईमिस्टर में लेना चाहिए। इसके जरिए मां और होने वाले बच्चे को टिटनेस, पर्टुसिस और डिप्थीरिया जैसी गंभीर बीमारियां से बचाया जा सकता है।