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पापों से मुक्ति दिलाने वाली पापांकुशा एकादशी 2023 कब है? जानें पूजा विधि व इसका महत्व: Papankusha Ekadashi 2023

पापांकुशा एकादशी का व्रत इस बार 25 अक्टूबर 2023 को रखा जाएगा। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस व्रत को रखने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
04:25 PM Oct 23, 2023 IST | Naveen Parmuwal
पापों से मुक्ति दिलाने वाली पापांकुशा एकादशी 2023 कब है  जानें पूजा विधि व इसका महत्व  papankusha ekadashi 2023
Papankusha Ekadashi 2023
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Papankusha Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में एकादशी तिथियों को बड़ा महत्व होता है। भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी के व्रत को रखने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। हर महीने एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना होती है। एकादशी का व्रत रखने वाले भक्तों पर भगवान विष्णु विशेष मेहरबान रहते हैं। प्रत्येक एकादशी का अपना महत्व होता है। हर वर्ष अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पापांकुशा एकादशी कहा जाता है। पंडित दिनेश जोशी के अनुसार, पापांकुशा एकादशी का उपवास रखने से ना सिर्फ जीवन में सुख—समृद्धि आती है, ​बल्कि सभी पापों से मुक्ति भी मिलती है और व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त होता है। पापांकुशा एकादशी के दिन विधिपूर्वक भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए। तो चलिए जानते हैं पापांकुशा एकादशी कब है और इसका महत्व व पूजा विधि।

पापांकुशा एकादशी 2023 व्रत, शुभ मुहूर्त

Papankusha Ekadashi 2023
Papankusha Ekadashi 2023 Vrat, Puja

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस बार अश्विन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 24 अक्टूबर, दोपहर 3 बजकर 14 मिनट से शुरू होगी, जो अगले दिन 25 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, इस बार पापांकुशा एकादशी का व्रत 25 अक्टूबर 2023 को रखा जाएगा। इस दिन पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा जाएगा और अगले दिन व्रत का पारण किया जाएगा। व्रत के पारण का समय सुबह 6 बजकर 28 मिनट से सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी और उपवास रखा जाएगा।

पापांकुशा एकादशी 2023 का महत्व

Papankusha Ekadashi 2023
Papankusha Ekadashi 2023 Importance

हिंदू पंचांग के अनुसार, विजयदशमी के अगले दिन पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा जाता है। पापांकुशा एकादशी का व्रत रखने वालों पर श्रीहरि विष्णु विशेष कृपा बरसाते हैं। उसके जीवन में सुख—समृद्धि, धन दौलत और सौभाग्य बना रहता है। धार्मिक शास्त्रों में पापांकुशा एकादशी के व्रत का महत्व बताया गया है। पापांकुशा एकादशी को कठोर तपस्या के समान माना जाता है। इससे मनुष्य के सभी पाप निष्फल हो जाते हैं और उसे यमलोक की यातनाएं नहीं भोगनी पड़ती हैं। पापांकुशा एकादशी व्रत से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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पापांकुशा एकादशी कथा

Papankusha Ekadashi 2023

पौराणिक कथा के अनुसार, विंध्याचल पर्वत पर एक क्रोधना नाम का क्रूर शिकारी रहता था। क्रोधना से अपने जीवन में बहुत बुरे और दुष्टता वाले काम किए थे। जब उसका अंत समय आया और वह मृत्यु के नजदीक था, तब उसके पास यमराज के दूत पहुंचे। क्रोधना को मृत्यु से काफी डर लगता था। जिस वजह से उसने ऋषि अंगारा से सहायता मांगी और इसका समाधान पूछा। तब ऋषि ने उसे पापांकुशा एकादशी के बारे में बताया। उसने फिर पापांकुशा एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु की उपासना की, जिसके बाद उसे पापों से मुक्ति मिल गई।

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