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उम्र के साथ क्‍यों बढ़ जाता है ब्रेस्‍ट का ढीलापन: Sagging Breast

यंग एज में तो हम ब्रेस्‍ट की देखभाल पर गौर नहीं करते लेकिन उम्र के साथ जब ब्रेस्‍ट ढीले और बेडौल लगने लगते हैं।
09:00 AM Mar 17, 2023 IST | Garima Shrivastava
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Sagging Breast: परफेक्‍ट और सुडौल ब्रेस्‍ट एक खूबसूरत महिला की पहचान होती है। सुडौल ब्रेस्‍ट महिलाओं में आत्‍मविश्‍वास जगाने के साथ यंग होने का अहसास भी कराते हैं। ब्रेस्‍ट यदि किसी ड्रेस का लुक संवार सकते हैं तो बिगाड़ भी सकते हैं। यंग एज में तो हम ब्रेस्‍ट की देखभाल पर गौर नहीं करते लेकिन उम्र के साथ जब ब्रेस्‍ट ढीले और बेडौल लगने लगते हैं, तो स्‍ट्रेस होना लाजमी है। वैसे तो ब्रेस्‍ट का ढीलापन उम्र के साथ आता है, लेकिन कई बार इसके पीछे अन्‍य शारीरिक कमियां या समस्‍याएं भी हो सकती हैं। उम्र के साथ कई अच्‍छी चीजों का अनुभव होता है लेकिन ये अपने साथ कई तरह के शारीरिक बदलाव भी लाता है। ब्रेस्‍ट का ढीलापन एक सामान्‍य समस्‍या है जिसका सामना हर महिला को करना पड़ता है। हालांकि ढीले ब्रेस्‍ट को कुछ हद तक ठीक किया जा सकता है लेकिन किसी भी ट्रीटमेंट या उपाय करने से पहले इसके सही कारणों के बारे में जानना बेहद जरूरी होता है। चलिए जानते हैं ढीले ब्रेस्‍ट के क्‍या कारण हो सकते हैं।

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Sagging Breast:क्‍या है ब्रेस्‍ट के ढीलेपन का कारण

Reason of Sagging Breast

हर महिला का ब्रेस्‍ट साइज अलग होता है। आकार, रूप और रंग सभी वंशानुगत विशेषताएं हैं, जिसमें अंतर देखा जा सकता है। ढीले और लटके हुए ब्रेस्‍ट उम्र बढ़ने के सामान्‍य लक्षण हैं, लेकिन लाइफस्‍टाइल में होने वाले बदलाव से भी ब्रेस्‍ट के शेप और शाइज में अंतर आ सकता है। जब एक फुली ग्रोन ब्रेस्‍ट लटकने लगते हैं, तो यह आपके लुक और सेल्‍फ-कॉन्फिडेंस को नकारात्‍मक रूव से प्रभावित कर सकता है। उम्र के अलावा ब्रेस्‍ट में ढीलापन मेनोपॉज, मेंटल स्‍ट्रेस और एस्‍ट्रोजन की कमी से भी हो सकता है। कोलेजन की कमी, मोटापा, प्रेग्‍नेंसी, धूम्रपान और वंशानुगत कारक भी इस स्थिति को बढ़ावा दे सकते हैं। कई महिलाएं इस बदलाव को नजरअंदाज कर देती हैं। जो लोग ब्रेस्‍ट की सर्जरी कराने का विकल्‍प चुनते हैं उन्‍हें उसके प्रतिकूल असर के बारे में भी पता होना चाहिए।

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कैसे करें प्राकृतिक तरीके से ब्रेस्‍ट को टाइट 

Natural way to resize breast

ब्रेस्‍ट में मौजूद टिशू को टाइट करने के लिए सर्जरी के अलावा प्राकृतिक तरीकों का भी चुनाव किया जा सकता है। प्राकृतिक घरेलू उपचार शरीर के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं। इसका कोई साइडइफेक्‍ट नहीं होता।

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मेथी दाना

आयुर्वेद के अनुसार, ढीले ब्रेस्‍ट को मजबूत करने के लिए मेथी दाना एक बेहतरीन उपाय हो सकता है। ये फ्री रेडिकल से होने वाले नुकसान से लड़ता है और ब्रेस्‍ट के आसपास की स्किन को टाइट और चिकना बनाता है। ये एंटीऑक्‍सीडेंट और विटामिन से भरपूर होता है। इसके लिए एक चौथाई कप मेथी पाउडर लें और पानी के साथ मिलाकर गाढ़ा पेस्‍ट बना लें। इस पेस्‍ट से अपने ब्रेस्‍ट पर मालिश करें और 5 से 10 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर गर्म पानी से धो लें। इस नुस्‍खे का इस्‍तेमाल हफ्ते में एक या दो बार कर सकते हैं।

बर्फ से मालिश

ये उपाय थोड़ा अटपटा लग सकता है और आपको कंपकंपी भी लग सकती है लेकिन ये वास्‍तव में प्रभावी है। इसे आजमाने के लिए कुछ बर्फ के टुकड़े लें और लगभग 1-2 मिनट के लिए अपने ब्रेस्‍ट के चारों ओर गोलाकार तरीके से मालिश करें। ये ब्रेस्‍ट की मांसपेशियों को कसने और सेल्‍युलाईट से लड़ने में सहायता करेगा। इसके अलावा बर्फ से सिकाई करने से ब्रेस्‍ट टिशू में होने वाली सूजन को भी कम किया जा सकता है।

उचित पोषण लें

ब्रेस्‍ट की मांसपेशियों की मजबूती के लिए पर्याप्‍त मात्रा में प्रोटीन का सेवन आवश्‍यक है। मिनरल, विटामिन और कैल्शियम सहित आवश्‍यक पोषक तत्‍वों जैसे गोभी, टमाटर, फूलगोभी, ब्रोकली और गाजर जैसी सब्जियों का सेवन करें। दाल और डेयरी प्रोडक्‍ट सभी को नियमित रूप से अपनी डाइट का हिस्‍सा बनाएं।

कराएं मसाज

आयुर्वेद के अनुसार मर्म प्‍वाइंट पर कोमल मसाज सा डीप मसाज तीन दोषों जैसे वात, पित्‍त और कफ को संतुलित करती है। मालिश एक महिला के ब्रेस्‍ट को मजबूत और हेल्‍दी बनाने में मदद कर सकती है। इसके अलावा शरीर में हार्मोन के संतुलन को बनाए रख सकती है। मसाज हाथ के अंगूठे के साथ सावधानीपूर्वक की जानी चाहिए। ब्रेस्‍ट को कवर करने के लिए पोर, कलाई और हथेली का उपयोग किया जा सकता है।

योगा के ये पोज करेंगे मदद

Yoga Poses

कोबरा पोज यह पोजिशन, जिसे भुजंगासन के नाम से भी जाना जाता है। ये पोज मुद्रा में सुधार करते हुए छाती और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है। इसके अलावा जैसे-जैसे आप इसका अभ्‍यास करेंगे आपके ब्रेस्‍ट में अंतर आने लगेगा।

धनुष पोज- इस पोज को धनुरासन के नाम से भी जाना जाता है। इससे रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और ब्रेस्‍ट के टिशू को कसाव मिलता है। इसे करना बेहद आसान है। इस पोज का नियमित अभ्‍यास करने से लाभ मिल सकता है।

प्‍लैंक पोज- प्‍लैंक पोज को कुंभकासन कहा जाता है। यह छाती में पेक्‍टोरल मांसपेशियों को मजबूत करता है और ब्रेस्‍ट के टिशू को टूटने से बचाता है। प्‍लैंक पोज वेट कम करने में भी मदद करता है जो ब्रेस्‍ट के ढीलेपन के लिए जिम्‍मेदार हो सकता है।

ब्रिज पोज- ब्रिज पोज को बंधासन भी कहा जाता है। यह पोज छाती की मांसपेशियों को मजबूत करता है, साथ ही ब्रेस्‍ट के टिशू के लचीलेपन को भी बढ़ाता है। ब्रिज पोज पेट की चर्बी को कम करने में भी मदद करता है। इस पोज से कई समस्‍याओं को ठीक किया जा सकता है।

कैमल पोज- यदि आप अपने पोस्‍चर को बेहतर बनाना चाहती हैं तो कैमल पोज ट्राई कर सकती हैं। कैमल पोज छाती की मांस‍पेशियों को विकसित करने में मदद करता है। इससे ब्रेस्‍ट का ढीलापन काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। इसके नियमित अभ्‍यास से छाती के हिस्‍से को सुडौल भी बनाया जा सकता है।

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