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पूर्व दिशा में पैर करके क्यों नहीं सोना चाहिए? जानें वजह:Vastu Tips

10:00 AM Apr 18, 2024 IST | Ayushi Jain
पूर्व दिशा में पैर करके क्यों नहीं सोना चाहिए  जानें वजह vastu tips
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Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्व है। आज हम बात करेंगे पूर्व और पश्चिम की ओर सिर करके सोने के बारे में। वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा में सिर करके सोना अच्छा होता है, वहीं पूर्व दिशा में पैर यानि पश्चिम दिशा में सिर करके कभी नहीं सोना चाहिए। पूर्व दिशा में सिर यानि पश्चिम दिशा में पैर करके सोना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है, क्योंकि सूर्य पूर्व से ही निकलता है और उसकी पहली किरणें पूर्व में ही दिखाई देती हैं। इसलिए इस दिशा में सिर करके सोने से सुबह की पहली किरण आपके सिर पर पड़ती है और आपके अंदर नई ऊर्जा का संचार होता है।

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पूर्व दिशा में पैर करके क्यूँ नहीं सोना चाहिए?

पूर्व दिशा में पैर करके सोने से आपके मस्तिष्क तक सूर्य की ऊर्जा नहीं पहुंच पाती है। पूर्व दिशा में पैर रखकर सोते समय सूर्य देव का अपमान होता है। इसे सेहत के लिए भी अच्छा नहीं माना जाता है।

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वास्तु शास्त्र के अनुसार सोने के लिए सर्वोत्तम दिशा

उत्तरी गोलार्ध (Northen Hemisphere) में सोने के लिए दक्षिण सबसे अच्छी दिशा है जबकि दक्षिणी गोलार्ध में सिरहाना के लिए उत्तर आदर्श दिशा है। वास्तु के अनुसार, सोने की सर्वोत्तम स्थिति सुनिश्चित करने से व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा मिलेगा। हालाँकि, सोते समय सिर को एक विशेष दिशा में रखने के नियम अलग-अलग गोलार्ध में रहने वाले लोगों के लिए भिन्न हो सकते हैं। तो, आदर्श वास्तु सोने की स्थिति का पृथ्वी के चुंबकीय खिंचाव से सीधा संबंध हो सकता है।

वास्तु में सोने के लिए पूर्व दिशा सर्वोत्तम क्यों है?

पूर्व दिशा, उगते सूर्य की दिशा, ध्यान और अन्य आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए अच्छी मानी जाती है। यह याददाश्त और एकाग्रता के स्तर में सुधार करता है। इसलिए, पूर्व की ओर सिर और पश्चिम की ओर पैर करके सोने से अच्छी नींद आती है। बच्चों के कमरे में बिस्तर पूर्व दिशा की ओर रखने से उनके स्वस्थ विकास को बढ़ावा मिलता है। आयुर्वेद के अनुसार, पूर्व दिशा की ओर मुंह करके सोने से तीन दोष- वात, पित्त और कफ संतुलित होते हैं।

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क्या वास्तु के अनुसार पश्चिम दिशा में सोना अच्छा है?

पश्चिम दिशा में सोने से अच्छी नींद नहीं आएगी और इसके परिणामस्वरूप आलस्य और प्रेरणा की कमी हो सकती है। इस प्रकार, व्यक्ति अगले दिन तरोताजा महसूस नहीं कर सकता है और यह काम पर उनके प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, व्यक्ति को पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके सोने से बचना चाहिए, खासकर यदि कोई नया काम शुरू कर रहा हो। गुणवत्तापूर्ण नींद के लिए, वास्तु स्वस्थ भोजन की आदत के अलावा सोने की सही दिशा और स्थिति पर भी ध्यान केंद्रित करता है। हालाँकि, जब अतिथि कक्ष में बिस्तर लगाने की बात आती है तो पश्चिम एक उपयुक्त दिशा है।

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