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इन्फर्टिलिटी के भावनात्मक सफर में अपनों का साथ है जरूरी: Infertility Emotional Journey

03:00 PM Mar 20, 2024 IST | Ankita A
इन्फर्टिलिटी के भावनात्मक सफर में अपनों का साथ है जरूरी  infertility emotional journey
Infertility Emotional Journey
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Infertility Emotional Journey : आज दुनियाभर में लाखों महिलाएं इन्फर्टिलिटी की समस्या से पीड़ित हैंI विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, विश्व में लगभग 10% महिलाएं अपने प्रजनन काल में इन्फर्टिलिटी का शिकार होती हैंI इन्फर्टिलिटी के लिए महिलाएं अक्सर खुद को ही दोषी मानने लगती हैं, जो एक आम समस्या हैI जबकि इन्फर्टिलिटी कोई व्यक्तिगत विफलता नहीं होती है, इसलिए इसकी दोषी केवल अकेली महिलाएं नहीं होतीं हैंI इसमें पुरुषों और महिलाओं, दोनों के प्रजनन स्वास्थ्य की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती हैI

Infertility Emotional Journey
Infertility causes anxiety and depression in women

कई अध्ययनों में इस बात का खुलासा हुआ है कि इन्फर्टिलिटी से महिला के जीवन की गुणवत्ता पर बहुत गहरा असर पड़ता हैI जर्नल ऑफ क्लिनिकल साइकोलॉजी में प्रकाशित एक लेख में बताया गया है कि इन्फर्टिलिटी का शिकार महिलाओं में सामान्य महिलाओं के मुकाबले ज्यादा चिंता और तनाव पैदा होते हैंI अध्ययन में यह भी पाया गया है कि इन्फर्टिलिटी से पीड़ित महिलाओं को भी उतनी ही ज्यादा चिंता और अवसाद महसूस होते हैं जितने की कैंसर, एचआईवी और पुराने दर्द से पीड़ित महिलाओं को होते हैंI

अभी भी कई जगहों पर इन्फर्टिलिटी को एक कलंक माना जाता हैI इसकी वजह से महिलाएं इसे लेकर बहुत ज्यादा दबाव महसूस करती हैं, और वे सामाजिक दबाव के कारण अपने इन्फर्टिलिटी के संघर्ष को परिवार और दोस्तों से छिपाने को मजबूर होती हैंI सामाजिक सहयोग न मिल पाने के कारण महिलाओं में मायूसी और निराशा बढ़ने लगती है, और वे भावनात्मक तनाव का भी शिकार होने लगती हैंI

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emotional aspect
pay attention to the emotional aspect in treatment

आज मेडिकल साइंस में हुई प्रगति ने इन्फर्टिलिटी का ईलाज कर गर्भधारण करना संभव बना दिया हैI प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं, इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आई. वी. एफ.), इंट्रायूटराइन इंसेमिनेशन (आई. यू. आई.), इंट्रासाइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन (आई. सी. एस. आई.), सरोगेसी जैसी विधियों द्वारा गर्भधारण करना अब संभव हो गया हैI यद्यपि, इन उपचारों के लिए शारीरिक शक्ति के साथ-साथ मानसिक शक्ति और स्थिरता भी बहुत जरूरी होती हैंI यह तभी संभव हो पाता है जब इन्फर्टिलिटी और उसके ईलाज में भावनात्मक पहलू पर भी ध्यान दिया जाएI

गुरुग्राम के बिरला फर्टिलिटी एंड आई. वी. एफ की  वरिष्ठ सलाहकार, डॉ. प्राची बेनारा के अनुसार इन्फर्टिलिटी की शिकार महिलाओं को अपने मानसिक स्वास्थ्य को सबसे ज्यादा प्राथमिकता देनी चाहिए है और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें चिकित्सक या फिर किसी अच्छे काउंसलर की मदद भी लेनी चाहिए, जो इन्फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं में विशेषज्ञ होंI इसके अलावा वे किसी सपोर्ट ग्रुप में भी शामिल हो सकती हैं या फिर किसी विश्वसनीय मित्र या परिवार के किसी करीबी सदस्य की मदद ले सकती हैंI साथ ही, योगा और ध्यान जैसी क्रियाएं भी कर सकती हैंI इसका भी महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और उन्हें इससे खुद को अच्छा महसूस कराने में काफी मदद मिलती हैI सही देखभाल और सहयोग द्वारा महिलाएं इन्फर्टिलिटी का बेहतर प्रबंधन करके अपने संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार ला सकती हैं और एक खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकती हैंI

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