स्टोरीज
कथा-कहानी | लघु कहानीकविता-शायरीउपन्यास
ब्यूटी | स्किनहेयरमेकअप
फैशन | स्टाइल एंड टिप्सट्रेंड्स
एंटरटेनमेंट | बॉलीवुडसेलिब्रिटीटीवी कार्नरजरा हट के
खाना खज़ाना | रेसिपी
हेल्थ | दवाइयांफिटनेसवेट लॉसदादी माँ के नुस्खेप्रेगनेंसीटिप्स - Q/A
लव सेक्स | रिलेशनशिपQ&A
लाइफस्टाइल | होमपेरेंटिंगउत्सवट्रेवलमनीवेडिंगराशिफल

ये पानी-गृहलक्ष्मी की कविता

01:00 PM Mar 17, 2023 IST | Sapna Jha
Ye Paani
Advertisement

Hindi Poem: सब एक सी जिन्दगी जीते हैं, कुछ छुपते हैं, कुछ छुपाते हैं, कुछ हँसते हैं, कुछ हँसाते हैं , सलीका अगर रोने में भी शामिल हो तो, मुस्कुराने की वजह पूछते हैं सब………………..

Advertisement

तो क्या कहें?
कि हम ऐसे ही हैं, जो आदतन हर कसक पर मुस्कुराते हैं, हर उस पल को जीते हैं, जो देता है एहसास कि कोई तो है,
जो बिना आहट के मेरी हथेली को कसकर पकड़ता है, न खुद कुछ पूछता है, न पूछने देता है।
बस साथ चलता है, खाली टिन के डिब्बे को ठोकर मार उदासियों के कंकड़
नदी में फेंक खिलखिलाता है, मूँगफलियों को तोड़कर दाने कुतरते हुए, मन की गाँठ को खोलता है,ये जानता है कि बारिश तो होनी हीं है,हिचकियों के बाँध टूटने से पहले, समेट लेता है उफनती नदी को
सीने में और चुपचाप कंधे पर हाथ रख मन हीं मन सड़क की लंबाई /चौड़ाई और नियत दूरी को मापता है।
किनारे पर उगी दूब को देख हँसता है

Advertisement

और एक उड़ती दृष्टि मेरी ओर डालता है
उसे मालूम है दूब से मेरा लगाव, ये मेरी सोच है कि
दूब अगर चिपकती है धरती से तो मरती नहीं, बल्कि नई ऊर्जा,जिजीविषा खींच लाती है। वह रूकता है, दोनों हथेलियों को कसकर पकड़ लेता है और कहता है,
यार! तू इतनी इमोशनल क्यूँ है……
मत जाया कर ये पानी,जरूरी है हरियाली के लिए, रिश्तों की पृष्ठभूमि में उर्वरता के लिए।
तुझे पता है कि बड़ी मुश्किल से
लहलहाती है पौध,
अब तो थम जा।

Advertisement

यह भी देखे-मैं बहुत फोटो खिंचवाती हूं-गृहलक्ष्मी की कविता

Advertisement

Tags :
कथा-कहानीकविता कहानीgrehlakshmihindi kavita
Advertisement
Next Article