चैत्र नवरात्रि के अष्टमी-नवमी पर इन सामग्रियों के बिना अधूरी है माता रानी की पूजा: Durga Ashtami Puja Niyam
Durga Ashtami Puja Niyam: अभी चैत्र नवरात्र चल रहे हैं और ये 17 अप्रेल तक चलेंगे। नवरात्र के 9 दिनों में अष्टमी और नवमी तिथि का सबसे अधिक महत्व है। इन दो दिनों के दौरान, नवरात्र उत्सव पूरे जोरों पर होता है। कन्या पूजन के साथ-साथ घरों में बड़े स्तर पर दुर्गा मां की पूजा की जाती है। दोनों तिथियों पर मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है। हालांकि, नवरात्र की अष्टमी और नवमी तिथि की पूजा करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। आज हम आपको ऐसे कुछ चीजों के बारे में बताने वाले हैं, जिनके बिना अष्टमी और नवमी की पूजा अधूरी मानी गई है।
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आपने चैत्र नवरात्रि के पहले दिन जो कलश स्थापित किया था, उसे अष्टमी और नवमी की पूजा में जरूर शामिल करें। इसके साथ ही नवरात्रि की कलश स्थापना के दिन जो जौ बोई जाती है, उसका भी अष्टमी और नवमी की दुर्गा पूजा में जरूर इस्तेमाल करें। इसे आपको देवी दुर्गा को अर्पित करना है।
दुर्गा पूजा में पंच पल्लव का बड़ा महत्व है। ये पंच पल्लव- आम, पीपल, गूलर, अशोक और वट के पत्ते होते हैं। कलश स्थापना में भी पंच पल्लव का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही अष्टमी-नवमी की पूजा में भी पंच पल्लव को शामिल करना अति शुभ माना गया है।
नवरात्रि का समय मां दुर्गा को प्रसन्न करके उनसे अपार सुख-समृद्धि पाने का सुनहरा मौका होता है। अगर अष्टमी की पूजा में मां दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति के पास दुर्गा बीसा या श्रीयंत्र रखें तो जातक को धन-वैभव की प्राप्ति होती है।
आप चैत्र नवरात्रि की अष्टमी-नवमी की पूजा में देवी दुर्गा को ध्वजा या पताका जरूर अर्पित करें। ऐसा करने से मातारानी खूब प्रसन्न होती हैं। आप चैत्र नवरात्रि के अष्टमी वाले दिन मां दुर्गा की विशेष आरती करें और उन्हें तरह-तरह के व्यंजनों का भोग भी लगाएं। इससे देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं और आपके मन वांछित फल देती हैं।
आप चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा श्रृंगार का सामान और लाल चुनरी के बिना अधूरी है। इसलिए पूजा में ये दोनों चीजें जरूर अर्पित करें। साथ ही खुद भी सोलह श्रृंगार करें। ध्यान रखें कि अगर आप लाल रंग की चीज नहीं अर्पित कर सकते हैं, तो चीजों का रंग हरा जरूर रहना चाहिए, क्योंकि यह दोनों रंग बेहद शुभ होते हैं।
दुर्गा पूजा या अष्टमी-नवमी से पहले घर के मुख्यद्वार पर अशोक के पत्तों का वंदनवार जरूर लगाएं। ऐसा करने से घर में बरकत रहती है। मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं। ऐसे घर में कभी धन-समृद्धि की कमी नहीं रहती है।